भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी

भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (Indian Grassland and Fodder Research Institute) उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित है। इसकी स्थापना 1962 में हुई थी। झांसी में इस संस्थान की स्थापना करने का मुख्य कारण यहाँ सभी प्रमुख घासों का पाया जाना भी था। तत्पश्चात् सन् 1966 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली को सौंपा गया।

संस्थान ने अपने स्थापना काल से ही चारा उत्पादन व उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान कर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रचार-प्रसार करने और समन्वित विकास करने में अहम् भूमिका निभायी है। इसके अतिरिक्त संस्थान में अखिल भारतीय चारा समन्वित परियोजना का संचालन भी किया जा रहा है। साथ ही संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए देश-विदेश के सहयोग से अन्य परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रहीं हैं।

जलवायु तथा कृषि की क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारत के अन्य भागों में इस संस्थान के तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र स्थापित किए गए हैं जो अंबिका नगर (राजस्थान), धारवाड़ (कर्नाटक) एवं पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में स्थित हैं।

संस्थान के मुख्य लक्ष्य निम्नवत् हैं:

  • चारा फसलों के आनुवांषिक संसाधनों का संकलन, संवर्धन, संग्रहण एवं उन्नत किस्मों का विकास।
  • चारा फसलों एवं चरागाहों के विकास, उत्पादन एवं उपभोग पर आधारभूत तथा योजनाबद्ध अनुसंधान।
  • चारा फसलों एवं चरागाहों पर होने वाले अनुसंधान कार्यों का समन्वयन एवं संकलन।
  • चारा फसलों एवं चरागाहों के क्षेत्र में विषेषज्ञता एवं सलाह उपलब्ध कराना।
  • पशुपालन व्यवसाय के लिए मानव संसाधन का विकास एवं तकनीकी स्थानान्तरण।

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