बीड़ी भारतीय सिगरेट जैसा ही प्रदार्थ है। यह तेन्दु के पत्तों में तम्बाकू लपेटकर बनाई जाती है। 'बीड़ी' शब्द 'बीड़ा' से निकला है जो पान के पत्तों में सुपारी तथा कुछ अन्य मसाले डालकर बनती है।[1]

बीड़ी

तेंदू के पत्ते के अन्दर तम्बाकू को भर कर धूम्रपान के लिये प्रयोग की जाने वाली वस्तु है यह सिगरेट की तरह से आगे से आग सुलगाकर जलाई जाती है, और भारत के ग्रामीण और शहरी स्थानों में इसे मजदूर और गरीब वर्ग अधिक प्रयोग करता है, बीडी स्वास्थ्य के लिये बहुत ही हानिकारक है और इसके धूम्रपान से फ़ेफ़डों के तथा मुंह के कैंसर जैसे जानलेवा रोग हो जाते हैं।[2]बीड़ी पीने से सांस लेने में बहुत समस्या होती है। समस्या होने का मुख कारण यह है कि बीड़ी पीने वाले लोगो का फेफड़ा कमजोर हो जाती है।

बीड़ी उद्योग
  1. (PDF) https://labour.gov.in/sites/default/files/the_beedi_and_cigar_workers_condition_of_employment_act_19661.pdf. अभिगमन तिथि 10 August 2024. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  2. "बीड़ी पीना फेफड़ों के लिए ज्यादा नुकसानदायक या सिगरेट? डॉक्टर से जानें हकीकत". News18 हिंदी. 19 March 2024. अभिगमन तिथि 10 August 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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