गणित में बिंदुपथ (locus) उन समस्त बिंदुओं का समुच्चय है जो कोई समान गुण रखते हों। सामान्यतः बिंदुपथ का सम्बन्ध एक शर्त से होता है। इस शर्त का पालन करने वाले समस्त बिंदुओं को मिलाने से कोई सतत आकृति (figure) या आकृतियाँ या वक्र (curve) बनता है।

किसी रेखा से किसी नियत बिंदु की तरफ २ सेमी, ४ सेमी, ६ सेमी एवं ८ सेमी की दूरी पर स्थित बिंदुओं के बिंदुपथ प्रदर्शित हैं। ये वक्र निकोमीडीज के कॉन्क्वायड (Conchoid of Nichomedes) कहलाते हैं।
एपिट्रोक्वाएड (epitrochoid), किसी वृत के उपर घूमने वाले वृत्तीय डिस्क के उपर स्थित एक बिंदु का बिंदुपथ है।

बिंदुपथ के कुछ सरल उदाहरण

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  • दो नियत बिंदुओं से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिंदुपथ एक सरल रेखा होती है। यह सरल रेखा उन दो बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा का लंब समद्विभाजन करती है।
  • किसी बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिंदुपथ एक वृत्त होता है; वह नियत बिंदु इस वृत्त का केंद्र कहलाता है तथा वह समान या नियत दूरी उस वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।
  • दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से समान दूरी पर स्थित बिंदु का बिंदुपथ उन रेखाओं के के बीच बनने वाले कोण की अर्धक रेखा होती है।
  • एक दी हुई रेखा तथा एक दिये हुए बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिंदुपथ परवलय होता है।
  • किसी बिंदु का बिंदुपथ जिसकी दो दिये गये बिन्दुओं से दूरी का योग नियत रहता है, एक दीर्घवृत्त होता है।