बाबू भूप सिंह
कोहरा के तालुकेदार एवं १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के नायक
बाबू भूप सिंह अवध की कोहरा तालुकदारी के तालुकेदार एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी व क्रांतिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में सेना का नेतृत्व किया था।[1][2][3][4]
बाबू भूप सिंह | |
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कोहरा नरेश | |
शासनावधि | १८५०—१८९० |
राज्याभिषेक | १८४० |
उत्तरवर्ती | बाबू शिव दयाल सिंह |
जन्म | १८२० कोहरा, अवध |
संतान | बाबू शिव दयाल सिंह
कुंवर शिव प्रसाद सिंह कुंवर ईश्वरी बक्श सिंह |
घराना | बंधलगोती |
धर्म | हिंदुत्व |
बाबू भूप सिंह जन्म: 1820
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राजसी उपाधियाँ | ||
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पूर्वाधिकारी बाबू अंशुमन सिंह (कोहरा के तालुकेदार) |
कोहरा के तालुकेदार 1840—1890 |
उत्तराधिकारी बाबू शिव दयाल सिंह |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Mukherjee, Rudrangshu (2002). Awadh in Revolt, 1857-1858: A Study of Popular Resistance (अंग्रेज़ी में). Orient Blackswan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7824-027-5.
- ↑ Rathore, Abhinay. "Genealogy of Kohra". Rajput Provinces of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-04-07.
- ↑ यादव, पवन. "कोहरा तालुकेदार भूप सिंह ने लिया था फिरंगियों से लोहा". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 2022-11-09.
- ↑ "अमेठी-कोहरा स्टेट के बाबू भूप सिंह ने कादूनाला युद्ध में लिया था हिस्सा". Hindustan. अभिगमन तिथि 2024-04-14.