प्राण नाथ थापर
जनरल प्राण नाथ थापर (२३ मई, १९०६ - २३ जून, १९७५ )भारतीय सेना के पांचवे सेना प्रमुख थे ।[1]
General Pran Nath Thapar | |
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पद बहाल 8 May 1961 – 19 November 1962 | |
पूर्वा धिकारी | General Kodendera Subayya Thimayya |
उत्तरा धिकारी | General JN Chaudhuri |
Indian Ambassador to Afghanistan
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पद बहाल August 1964 – 1 January 1969 | |
जन्म | 08 मई 1906 |
मृत्यु | जनवरी 23, 1975 White Gates, Chhatarpur, New Delhi | (उम्र 68 वर्ष)
जीवन संगी | Bimla Thapar |
संबंध | Karan Thapar (Son) Shobha Thapar (Daughter) Premila Thapar (Daughter) Kiran Thapar (Daughter) Romila Thapar (Niece) Valmik Thapar (Great-Nephew) |
सैन्य सेवा | |
निष्ठा | British Indian Empire India |
सेवा/शाखा | British Indian Army भारत सेना |
सेवा काल | 1926 - 19 Nov 1962 |
पद | General |
एकक | 1st Punjab Regiment |
कमांड | Chief of Army Staff Western Army Southern Army 161st Indian Infantry Brigade 1/1 Punjab |
लड़ाइयां/युद्ध | World War II Sino-Indian War |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंजनरल प्राण नाथ थापर का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ था। वह लाहौर के दीवान बहादुर कुंज बिहारी थापर के सबसे छोटे बेटे थे । इतिहासकार रोमिला थापर उनकी भतीजी है और वे संरक्षक और बाघ विशेषज्ञ हैं, वाल्मिक थापर उनके भतीजे हैं।
मार्च १९३६ में, थापर ने राय बहादुर बशीरम सहगल की सबसे बड़ी बेटी बिमला बशीराम से विवाह किया । वे राय बहादुर रामसरन दास की पोती थीं । बिमला थापर, गौतम सहगल की बहन थीं, जिनकी पत्नी नयनतारा सहगल ,विजयलक्ष्मी पंडित की बेटी थीं और जवाहरलाल नेहरू की भतीजी थीं। जनरल थापर और श्रीमती बिमला थापर के चार बच्चे थे, जिनमें से सबसे छोटे करण थापर हैं ।
करियर
संपादित करेंलाहौर के सरकारी कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने ४ फरवरी १९२६ को सेकण्ड लेफ्टिनेंट के रूप में रॉयल मिलिटरी कॉलेज, सैंडहर्स्ट में प्रशिक्षण लिया । वह के एस थिमाय्या के बैच के अफसर थे , जो बाद में चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ बने । [2] उन्होंने अगले कुछ वर्ष भारत में स्थित एक ब्रिटिश सेना की बटालियन में अपनी सेवाएं दी । १८ अप्रैल १९२७ को उन्हें औपचारिक रूप से भारतीय सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया। [3] उन्हें ४ मई १९२८ को लेफ्टिनेंट पद पर पदोन्नत किया गया था। [4]उन्होंने दूसरी बटालियन, १ पंजाब रेजिमेंट के साथ दस साल तक अपने कर्तव्यों का पालन किया और बाद में भारत के क्वेटा और इंग्लैंड में मिनली मनोर में स्टाफ पाठ्यक्रमों में भाग लिया। उन्हें ४ फरवरी १९३५ को कप्तान पद पर पदोन्नत किया गया था। [5]
उन्होंने १९४१ में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में और बाद में मध्य पूर्व और इटली में सेवाए दी । अक्टूबर १९४२ तक उन्होंने एक ब्रिगेड मेजर के रूप में सेवा दी [6] फिर ४ फरवरी १९४३ को मेजर पद पर पदोन्नत किया गया, उन्हें १९४५ में सहायक सैन्य सचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने १९४६ में इंडोनेशिया में प्रथम पंजाब रेजिमेंट के पहले बटालियन का नेतृत्व किया और बाद में १६१ भारतीय इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर के रूप में कार्य किया । भारत के विभाजन के दौरान थापर को सैन्य संचालन और खुफिया निदेशक के रूप में पूर्वी बंगाल में नियुक्त किया गया।
नवंबर १९४७ में, उन्हें मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने कुछ महीनों के लिए चीफ ऑफ़ जनरल स्टाफ के रूप में कार्य किया और बाद में अगस्त १९४९ तक सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया। उन्हें अगस्त १९४९ को मास्टर जनरल ऑफ़ ऑर्डनेंस नियुक्त किया गया। उन्होंने १९५४ तक चार साल तक एक इन्फैंट्री डिवीजन का नेतृत्व किया , १९५४ में कोर कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल पद पर पदोन्नत किया गया । उन्हें १९५५ में लंदन के इंपीरियल डिफेंस कॉलेज में प्रशिक्षण लेने के लिए चुना गया था। पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद, उन्हें दक्षिणी कमान का जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ]] नियुक्त किया गया। वह १९५९ में पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। थापर ने ८ मई १९६१ को भारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में कार्यभार संभाला और १९ नवंबर १९६२ तक कार्य किया। वह राजपूताना राइफल्स के कर्नल भी थे [7] । वह चीन-भारतीय युद्ध के दौरान भारतीय सेना के प्रमुख थे और युद्ध के दौरान निराशाजनक विफलता को अपना अपमान मानते हुए १९ नवंबर १९६२ में इस्तीफा दे दिया था।
सेवानिवृत्ति पश्च्यात जीवन
संपादित करेंसेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें अगस्त १९६४ से जनवरी १९६९ तक अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। २३ जनवरी १९७५ को नई दिल्ली के छत्तीपुर में, व्हाइट गेट्स फ़ार्म पर उनकी मृत्यु हो गई थी।
सम्मान एवं पदक
संपादित करेंपरम विशिष्ट सेवा पदक | जनरल सर्विस पदक 1947 | विदेश सेवा पदक | भारतीय स्वतंत्रता पदक |
1939–1945 स्टार | बर्मा स्टार | युद्ध पदक 1939–1945 | भारत सेवा पदक |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ B-R Archived 2009-03-02 at the वेबैक मशीन
- ↑ "The London Gazette, 5 February 1926". मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2018.
- ↑ "The London Gazette, 22 July 1927". मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2018.
- ↑ "The London Gazette, 22 June 1928". मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2018.
- ↑ "The London Gazette, 15 March 1935". मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2018.
- ↑ Indian Army List October 1942
- ↑ "The London Gazette, 4 June 1943". मूल से 1 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2018.