प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना मुद्रा बैंक के तहत एक भारतीय योजना है जिसकी शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ८ अप्रैल २०१५ को नई दिल्ली में की थी। [1]इस योजना का मुख्य उद्धेश स्वरोजगार को बढ़ावा देना है,इस योजना के तहत गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि, लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक की लोन सुविधा प्रदान की जाती है । आकडे की माने तो अब तक अनुमान है की देश में 18.60 लाख करोड़ रु का लोन लघु और सूक्ष्म उद्यमी को दिया जा चुका है[2]
तिथि | 1 अप्रैल २०१५ |
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स्थान | .नई दिल्ली ,भारत |
वेबसाइट | आधिकारिक जालस्थल |
कैटेगरी | लोन | |
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शिशु | 50,000 रुपए | |
किशोर | 50,000 से 5 लाख रुपए | |
तरुण | 5 लाख रुपए से 20 लाख रुपए |
उद्देश्य
संपादित करेंमुद्रा बैंक के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के हस्तक्षेप के तहत इसमें तीन श्रेणियाँ है- शिशु, किशोर और तरुण। ये तीनों श्रेणीयां लाभार्थियों को विकास और वृद्धि में मदद करेगी। यानि आसान शब्दों में कहा जाय तो मुद्रा लोन योजना केंद्र सरकार द्वारा निचले व माध्यम वर्ग के लोगों को आसान शर्तों व कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किया गया है।[3] मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैः
- सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
- सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वयं सहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
- सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
- कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
- मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
- सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
- वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
- छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।[4][5]
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है और आर्थिक समावेशीकरण को बढ़ावा देना है।[6]
प्रदर्शन
संपादित करेंइस योजना के तहत मनीकंट्रोल॰कॉम के अनुसार, लगभग 1,65,000 लोग लाभ उठाने के ओवर-आलेखन सरकार ने 1 सितंबर 2015 से इस योजना के लिए अमरीकी डालर $ 157,400,000 जुटाए हैं इनको जहां सुविधा हुई है।[7][8]
वित्त मंत्रालय द्वारा 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार सरकार ने 2015 से 2023 तक यानी बीते 8 सालों में 41 करोड़ से ज्यादा लोगों को 23,00,000 करोड़ रुपए की राशि मुद्रा योजना के तहत लोन के रूप में बांटी है। इस लोन में सर्वाधिक 33.54 करोड़ लोन शिशु कैटेगरी के हैं। वहीं किशोर कैटेगरी के तहत 5.89 करोड़ और तरुण कैटेगरी के तहत 81 लाख लोगों को लोन दिया गया है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "PM launches Pradhan Mantri MUDRA Yojana". Gov.in. मूल से 31 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 September 2015.
- ↑ "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना".
- ↑ "प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना".
- ↑ "Karnataka Bank launches MUDRA card under Pradhan Mantri Mudra Yojana". Equity Bulls. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 September 2015.
- ↑ "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना क्या है?". The Indian People. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 June 2017.
- ↑ "प्रधानमंत्री बिजनेस लोन || Pradhanmantri Business Loan". Sarkarijobs (hindi में). November 2, 2024.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "Nearly 1.65 lakh a/c holders avail overdraft under PMJDY". Money Control. CNBC. मूल से 6 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 September 2015.
- ↑ "Pradhan Mantri MUDRA Yojana (PMMY)". Sarkarijobs. Sarkarijobs.online. November 2, 2024.