पोट्टि श्रीरामुलु
Potti sriramulu Gandhi Badi karykarta the tatha Namak Satyagrah me Bhag lene ke liye inhone sarkari naukri se tyagpatra de diya tha aur 1946 Mein yah Madras parant Ke Mandir Mein daliton ke Pravesh Hetu Mang karte hue upvaas per Baithe the
पोट्टि श्रीरामुलु (तेलुगु : పొట్టి శ్రీరాములు; 16 मार्च 1901 – 15 दिसम्बर 1952) भारत के एक क्रांतिकारी थे।[1][2] मद्रास राज्य से अलग आंध्र प्रदेश राज्य के निर्माण की मांग को लेकर उन्होने आमरण अनशन किया जिसके कारण अन्ततः उनकी अनशन के 58 (ncert 12th class 19 October 1952 to 15 december 1952) वे दिन मृत्यु हो गयी। भारत में भाषा के आधार पर राज्यों के निर्माण के निर्णय के पीछे उनकी असामयिक मृत्यु बहुत बड़ा कारण सिद्ध हुई।[3]
पोट्टि श्रीरामुलु | |
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जन्म |
16 मार्च 1901 Padamatipalli, Madras Presidency, British India (Now Nellore District, Andhra Pradesh, India) |
मौत |
15 दिसम्बर 1952 Madras, Madras State, India (now Chennai, Tamil Nadu, India) | (उम्र 51 वर्ष)
मौत की वजह | Fasting |
समाधि | चेन्नई |
राष्ट्रीयता | Indian |
शिक्षा | Sanitary Engineering |
पेशा | Engineer, social activist. |
पदवी | Founding Father of Andhra Pradesh |
प्रसिद्धि का कारण | Hunger strike for a separate state of Andhra. |
माता-पिता | Guravayya and Mahalakshmamma |
चेन्नई |
वे महात्मा गांधी के परम भक्त थे। उन्होने जीवन पर्यन्त सत्य, अहिंसा, देशभक्ति और हरिजन उत्थान के लिये कार्य किया।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Guha, Ramchandra (30 March 2003). "The battle for Andhra". The Hindu. मूल से 14 January 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 December 2012.
- ↑ Sri Potti Sriramulu. Eemaata.com. Retrieved on 2018-11-26.
- ↑ Gupta, C. Dwarakanath; Bhaskar, Sepuri (1992). Vysyas: A Sociological Study (अंग्रेज़ी में). Ashish Publishing House. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7024-450-9.