पीर पंजाल पर्वतमाला (Pir Panjal Range) हिमालय की एक पर्वतमाला है जो भारत के हिमाचल प्रदेशजम्मू और कश्मीर राज्यों और पाक-अधिकृत कश्मीर में चलती है। हिमालय में धौलाधार और पीर पंजाल शृंख्लाओं की ओर ऊँचाई बढ़ने लगती है और पीर पंजाल निचले हिमालय की सर्वोच्च शृंख्ला है। सतलुज नदी के किनारे यह हिमालय के मुख्य भाग से अलग होकर अपने एक तरफ़ ब्यास और रावी नदियाँ और दूसरी तरफ़ चेनाब नदी रखकर चलने लगती है। पश्चिम में आगे जाकर उत्तरी पाकिस्तानी पंजाब और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा की पहाड़ी गलियाँ इसी पीर पंजाल शृंख्ला का अंतिम कम-ऊँचाई वाला भाग है। इसी में उत्तरी पंजाब का मरी हिल-स्टेशन स्थित है। पाक-अधिकृत कश्मीर के बाग़ ज़िले में गंगा चोटी पीर पंजाल शृंख्ला का एक प्रसिद्ध ३,०४४ मीटर (९,९८७ फ़ुट) ऊँचा पर्वत व पर्यटन-स्थल है।

पीर पंजाल पर्वतमाला
Pir Panjal Range
अंतरिक्ष से कश्मीर घाटी जिसके दक्षिण व पूर्वी भाग को पीर पंजाल मैदानी क्षेत्र से अलग करते हैं
अंतरिक्ष से कश्मीर घाटी जिसके दक्षिण व पूर्वी भाग को पीर पंजाल मैदानी क्षेत्र से अलग करते हैं

अंतरिक्ष से कश्मीर घाटी जिसके दक्षिण व पूर्वी भाग को पीर पंजाल मैदानी क्षेत्र से अलग करते हैं

विवरण
क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, पाक-अधिकृत कश्मीर
सर्वोच्च शिखर: इन्द्रसन पर्वत
सर्वोच्च ऊँचाई: ६,२२१ मीटर
निर्देशांक: 33°13′S 75°57′E / 33.217°S 75.950°E / -33.217; 75.950


कश्मीर घाटी से पीर पंजाल का दृश्य

६२२१ मीटर (२०,४१० फ़ुट) ऊँचा इन्द्रसन (Indrasan) और ६००१ मीटर (१९,६८८ फ़ुट) ऊँचा देव टिब्बा (Deo Tibba) पीर पंजाल पर्वतमाला के पूर्वी छोर के सबसे महत्वपूर्ण पर्वत हैं। इस छोर के बड़े पर्वत कुल्लु ज़िले और लाहौल व स्पीति ज़िले में स्थित हैं। कश्मीर का प्रसिद्ध गुलमर्ग पर्यटनस्थल भी इसी शृंख्ला में स्थित है।[1]

पीर पंजाल पर्वतमाला में कई प्रसिद्ध पहाड़ी दर्रे हैं:

  • पीर पंजाल दर्रा (Pir Panjal pass) - यह श्रीनगर से पश्चिम में स्थित है।
  • बनिहाल दर्रा (Banihal pas) - यह २,८३२ मीटर (९,२९१ फ़ुट) ऊँचा दर्रा वेरीनाग नामक पानी के चश्में का स्थल है जो वितस्ता नदी (जो कश्मीर में झेलम नदी का स्थानीय नाम और उस नदी का मूल वैदिक नाम भी है) का स्रोत है। इस दर्रे के एक तरफ़ जम्मू विभाग का बनिहाल नगर और दूसरी तरफ़ कश्मीर विभाग का काज़ीगुंड नगर स्थित है।
  • सिंथन दर्रा (Sinthan pass) - यह जम्मू के पश्चिमी भाग और कश्मीर घाटी को जम्मू विभाग के पूर्वी भाग (जिसमें किश्तवार स्थित है) से जोड़ता है।
  • पीर की गली (Pir ki Gali) - यह लगभग ११,५०० फ़ुट ऊँचा दर्रा कश्मीर घाटी को राजौरी और पुंछ से जोड़ता है। यह ऐतिहासिक मुग़ल मार्ग पर स्थित है और उस मार्ग का सबसे ऊँचा बिन्दु है। आगरा और दिल्ली से कश्मीर जाते हुए मुग़ल सम्राट इसी मार्ग का प्रयोग करते थे। कश्मीर का दक्षिण-पश्चिमी शुपियाँ नगर इस से सब से समीपी शहर है और अपनी सेब की पैदावार के लिए प्रसिद्ध है।
  • हाजी पीर दर्रा - यह २,६३७ मीटर (८,६५२ फ़ुट) ऊँचा दर्रा पीर पंजाल पर्वतमाला के पश्चिमी छोर पर पुंछ और उड़ी को जोड़ता है। १९४८ में पाकिस्तान के इसपर क़ब्ज़ा कर लिया था लेकिन १९६५ के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने इसे वापस ले लिया था। ताशकन्द समझौते के अन्तर्गत पाकिस्तान से सम्बन्ध सुधारने के लिए भारत ने इसे लौटा दिया।
  • रोहतांग ला - ३,९७८ मीटर (१३,०५१ फ़ुट) ऊँचा यह दर्रा पंजाल पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर कुल्लु घाटी में स्थित मनाली को लाहौल घाटी में स्थित केलांग से जोड़ता है।

इन्हें भी देखें

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  1. "Pir Panjal Range (mountain system, Asia) – Britannica Online Encyclopedia". मूल से 3 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अक्तूबर 2016.