परितारकीय चक्र (Circumstellar disk) किसी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा कर रहे धूल, गैस, शिशुग्रहों, क्षुद्रग्रहों व अन्य पदार्थों के बने चक्र को कहते हैं। इस चक्र का आकार टॉरस-नुमा, छल्ले-नुमा या रोटी-नुमा होता है। नवजात तारों में इस चक्र में अव्यवस्थित सामग्री होती है जिस से आगे चलकर शिशुग्रह आदि जन्म सकते हैं, जबकि कुछ उम्र वाले तारो में इस चक्र मे शिशुग्रह होते हैं जिनसे ग्रह बन सकते हैं।[1]

SAO २०६४६२ नामक तारे के इर्द-गिर्द एक असाधारण परितारकीय चक्र है

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