परवन अजनार व घोड़ा पछाड की संयुक्त धारा है।यह मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत शृंखला से निकलती है। झालावाड में मनोहर थाना में राजस्थान में प्रवेश करती है।झालावाड़ व बांरा में बहती हुई बांरा में पलायता गांव में काली सिंध में मिल जाती है। यह नदी चाचोरनी में नेवज नदी के साथ संगम बनाती है , इस संगम पर एक शिवलिंग व एक किला भी स्थित है।

परवन नदी
River
देश Flag of भारत भारत
शहर झालावाड़ , बारां
स्रोत अजनार व घोड़ा पछाड़ की संयुक्त धारा से
 - स्थान राजगढ़ जिला, मध्यप्रदेश
 - ऊँचाई 333 मी. (1,093 फीट)
लंबाई 233 कि.मी. (145 मील) लगभग


परवन नदी

इसी नदी के किनारे बारां जिले में शेेरगढ का किला स्थित हैं। जिसे कौषवध्रन का किला कहां जाता है।

पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक सिराज अहमद कुरैशी के अनुसार ईस्वी सन 790 में सामंत देवदत्त का शासन रहा। जिसने यहां जैन व बौद्ध धर्म का विहार बनाया। बाद में 8वीं शताब्दी में राजा कोषवर्धन ने इसका नाम कोषवर्धनपुर रखा तथा लंबे समय तक कोषवर्धन के वंशज पीढ़ी दर पीढ़ी राज करते रहे। बाद में 15वीं शताब्दी में मुगल शासक शेरशाह सूरी ने आक्रमण कर दुर्ग पर आधिपत्य कर लिया और तब से इसका नाम शेरगढ़ रखा गया। यहां स्थित खंडहरों में बेगम व नवाब की हवेलियां हैं, जिनमें झरोखे बने हैं। वर्तमान में परवन वृहद सिंचाई परियोजना भी इसका एक हिस्सा है। इस अभयारण्य में हिरण, खरगोश, नीलगाय, काले हिरण, जंगली सुअर, बंदर, तेंदुआ, चीता, सियार, लोमड़ी हैं। वहीं किले के पास से बहती परवन नदी भी लोगों को आकर्षित करती है। जिसके चलते फिल्मों में इसको आसानी के साथ दिखाया जा सकता है। इसी वजह से इस किले में फिल्म लाल कप्तान की शूटिंग भी हुई थी।