परमार्थ (Summum bonum) मनुष्य का वह नैतिक लक्ष्य जो सर्वोच्च है, जिससे अधिक श्रेयस्कर कुछ हो नहीं सकता, जो मानवीय प्रयत्न का सबसे बड़ा साध्य है। विभिन्न विचारकों ने सुख, आत्म-सिद्धि, शक्ति इत्यादि विभिन्न मूल्यों को सर्वोच्च साध्य माना है। भारतीय दर्शन और परम्परा में इसे निःश्रेयस्, परमार्थ, परम शुभ, परम हित भी कहते हैं। पाश्चात्य परम्परा में "Summum bonum" का सिद्धान्त रोमन दार्शनिक सिसरो (Cicero) ने प्रतिपादित किया था।