पदयप्पा
पदयप्पा 1999 की तमिल भाषा की मसाला फिल्म है।[1] यह के.एस. रविकुमार द्वारा लिखित और निर्देशित है।[2] इसमें रजनीकांत मुख्य भूमिका में हैं। रम्या कृष्णन और सौन्दर्या अन्य प्रमुख भूमिकाओं में हैं। जबकि लक्ष्मी, राधा रवि, नास्सर, अब्बास और प्रीता सहायक भूमिकाएँ में हैं। संगीत ए. आर. रहमान द्वारा दिया गया है।
फिल्म को 10 अप्रैल 1999 को तमिल नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी किया गया था। यह उस समय तमिल सिनेमा की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बनी थी। रम्या कृष्णन के अभिनय की प्रशंसा की गई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री श्रेणी में दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला।[3] फ़िल्म ने पाँच तमिलनाडु राज्य फ़िल्म पुरस्कार भी जीते।
कहानी
संपादित करेंपदयप्पा (रजनीकांत) एक मैकेनिकल इंजीनियर है जो अपने मामा राजरत्नम के बेटे सूर्यप्रकाश (नास्सर) से अपनी बहन की सगाई में शामिल होने के लिए अपने गांव लौटता है। उसके पिता, धर्मलिंगम (शिवाजी गणेशन) गांव के सम्मानित मुखिया हैं। पदयप्पा वहाँ अपने मामा की नौकरानी वसुंधरा (सौन्दर्या) से मिलता है और उससे प्यार करने लगता है। सूर्यप्रकाश की बहन नीलांबरी (रम्या कृष्णन) भी पदयप्पा से प्यार करने लगती है। इससे वसुंधरा अपनी भावनाओं को स्वीकार करने से डरती है। फिर धर्मलिंगम का छोटा भाई रामलिंगम परिवार की संपत्ति में हिस्सा मांगता है क्योंकि वह अपने भाई की तरह धन और सम्मान चाहता है। लेकिन पदयप्पा के पिता संपत्ति को विभाजित करने से इनकार कर देते हैं और इसके बजाय पूरी संपत्ति और धन अपने भाई को दे देते हैं। फिर उनका परिवार उसी शाम मद्रास में पदयप्पा के घर जाने के लिए अपना गांव छोड़ देता है। लेकिन पदयप्पा के पिता की मृत्यु उनके जाते ही हो जाती है। कुछ ही दिनों में, गांव वालों की जानकारी के बिना सूर्यप्रकाश रामलिंगम की बेटी मीना से शादी कर लेता है।
पदयप्पा की मां सावित्री (लक्ष्मी) का भाई राजरत्नम उनका अपमान करता है। लेकिन वह जोड़े को आशीर्वाद देती है और चली जाती है। जब पदयप्पा खेती के लिए अपनी जमीन साफ करने लगता है, तो रामलिंगम के जासूस को छोटी-छोटी चट्टानें मिलती हैं। उसे पता चलता है कि उस जमीन पर एक पहाड़ी ठोस ग्रेनाइट की है। वह परिवार की संपत्ति पदयप्पा को वापस देकर उस ग्रेनाइट पहाड़ी को पाने की कोशिश करता है। लेकिन कई बाधाओं के बाद, पदयप्पा की मां सौदा रद्द कर देती है। रामलिंगम उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की कोशिश करता है। पदयप्पा उसके आदमियों को पीटता है और अपने परिवार के साथ चला जाता है। वह ग्रेनाइट का व्यवसाय शुरू करता है और अमीर बन जाता है और अपने पिता का मुखिया पद संभाल लेता है। जबकि उसका परिवार एक नई हवेली में बस जाता है और अपना सम्मान वापस पा लेता है। पदयप्पा की बहन पदयप्पा की कंपनी में काम करने वाले एक मुख्य इंजीनियर से शादी कर लेती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "रजनीकांत के डायरेक्टर को AIADMK के नेता ने बताया कायर, कहा, 'अगर हिम्मत है तो तब कहते जब जयललिता...'". न्यूज़ 18. 8 दिसम्बर 2023. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2024.
- ↑ "5 करोड़ में बनी थी रजनीकांत की मूवी, हुई ब्लॉकबस्टर, 100 दिनों तक थिएटर्स में देखी गई, OTT पर भी है मौजूद". न्यूज़ 18. 11 दिसम्बर 2023. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2024.
- ↑ "'बाहुबली' में 'शिवगामी' को कर दिया राम्या कृष्णन ने अमर, छोटी उम्र में ही शुरू कर दी थी एक्टिंग". TV9 भारतवर्ष. 15 सितम्बर 2022. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2024.