निष्ठानन्द बज्राचार्य
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निष्ठानन्द बज्राचार्य (नेपालभाषा मै पदवी: गद्यगुरु पण्डित निष्ठानन्द बज्राचार्य) नेपालभाषा पुनर्जागरण काल के एक महारथी थे। इन को नेपालभाषा के पुनर्जागरण के चार स्तम्भ मै एक भी कहा जाता है। नेपालभाषा मै सबसे पहले थासा अक्षर मै पुस्तक छपानेका श्रेय इन को जाता है। इन्हौंने ने.सं. १०२९मै प्रज्ञापारमिता पुस्तक छपाया था जो नेपालभाषा का सबसे पहले छापी गयी पुस्तक है।
निष्ठानन्द बज्राचार्य | |
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जन्म | नेपाल संबत ९७८ थिंलाथ्व चौथी ॐ बहाः, काठमाडौं |
मौत | नेपाल संबत १०५५ थिंलाथ्व चौथी |
पेशा | गद्य |
भाषा | नेपालभाषा |
राष्ट्रीयता | नेपाली |
काल | पुनर्जागरण |
विधा | बौद्ध साहित्य |
आंदोलन | नेपालभाषा पुनर्जागरण |
व्यक्तिगत जीवनी
संपादित करेंइनका जन्म नेपाल सम्बत ९७८ थिंलाथ्व चौथी के दिन मै हुवा था। इनके पिता का नाम मुक्तानन्द बज्राचार्य एवं मां का नाम थकुमति बज्राचार्य है। इनका घर काठमाडौं का ॐ बहाः मै नःबहिइ मै था। इनके पत्नी का नाम रत्नप्रभा बज्राचार्य था। इनका देहान्त नेपाल सम्बत १०५५ थिंलाथ्व चौथी के दिन हुवा था।
पुस्तक
संपादित करेंइनके द्वारा लिखा गया पुस्तक इस प्रकार है-
- प्रज्ञापारमिता,
- ललितविस्तार,
- वोधिचर्यावतार,
- वोधिज्ञान