दोस्ताना (1980 फ़िल्म)
दोस्ताना 1980 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य एक्शन फ़िल्म है।[1] इसका निर्देशन राज खोसला ने और निर्माण यश जौहर ने किया। इसमें अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, ज़ीनत अमान, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी, हेलन और प्राण अभिनय करते हैं। यह कुर्बानी, आशा और राम बलराम के बाद 1980 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म रही थी। दोस्ताना राज खोसला द्वारा निर्देशित आखिरी सफल फिल्मों में से एक भी है।
दोस्ताना | |
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दोस्ताना का पोस्टर | |
निर्देशक | राज खोसला |
लेखक | सलीम-जावेद |
निर्माता | यश जौहर |
अभिनेता |
अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, ज़ीनत अमान, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी, हेलन, प्राण |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
17 अक्टूबर, 1980 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंविजय (अमिताभ बच्चन) और रवि (शत्रुघ्न सिन्हा) एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त हैं और दोनों एक दूसरे पर बहुत भरोसा करते हैं। विजय एक पुलिस अधिकारी है और रवि वकील है। विजय अपराधियों को पकड़ता है, जबकि रवि उन अपराधियों को बाहर निकलवाता है। उसे डागा (प्रेम चोपड़ा) द्वारा काम पर रख लिया जाता है। एक दिन विजय और रवि, शीतल (ज़ीनत अमान) से अलग-अलग जगहों और समय पर मिलते हैं और दोनों को उससे प्यार हो जाता है। जहां विजय अपने प्यार के बारे में जता चुका है और शीतल द्वारा उसे पसंद किया जाता है, वहीं रवि की शीतल पर एकतरफा मोहब्बत है।
रवि शीतल के लिए अपने प्यार के बारे में विजय को बताता है, जो तहस-नहस हो जाता है लेकिन रवि के लिए अपने प्यार का बलिदान करने का फैसला करता है। हालाँकि, एक गलतफहमी होती है जब डागा विजय और रवि की दोस्ती को तोड़ने के लिए विजय और शीतल की एक तस्वीर रवि को दिखाकर उकसाता है। विजय और रवि पहली बार प्रतिद्वंद्वी बन जाते हैं। फिल्म के बाकी हिस्से विजय और डागा के बीच संघर्ष को दिखाते हैं। गलतफहमी के बाद, रवि डागा की तरफ हो जाता है, लेकिन बाद में सच्चाई जान जाता है और अपने कार्यों के लिए प्रायश्चित करता है
डागा रवि और शीतल को बन्दी बना लेता है तब विजय वहाँ अपने दोस्त को बचाने आता है लेकिन वो भी फस जाता है उसके बाद रवि और विजय किसी तरह से आजाद हो जाते जी और डागा वहासे भाग जाता है, रवि और विजय डागा का पीछा करते है, डागा और विजय के बीच लड़ाई होती है डागा विजय को बातो में उलजा कर गोली मारने की कोशिश करता है लेकिन विजय पहले ही सावधान हो जाता है और वो डागा को गोली मार देता है, डागा मारा जाता है फिर विजय और रवि दोनों दोस्त एक दूसरे के गले मिलते है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अमिताभ बच्चन — विजय वर्मा
- शत्रुघ्न सिन्हा — रवि कपूर
- ज़ीनत अमान — शीतल साहनी
- प्रेम चोपड़ा — डागा
- अमरीश पुरी — बलवंत सिंह
- हेलन — सिल्विया
- प्राण — टोनी
- गजानन जागीरदार — प्रधानाध्यापक
- साजन — रामनिक लाल तिवारी
- इफ़्तेख़ार — सरकारी वकील
- के एन सिंह — जज
- त्रिलोक कपूर — साहनी
- सुधीर — इंस्पेक्टर शिंदे
- पेंटल - अतिथि भूमिका
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "सलामत रहे दोस्ताना हमारा" | मोहम्मद रफी, किशोर कुमार | 4:23 |
2. | "दिल्लगी ने दी हवा" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:55 |
3. | "कितना आसाँ है कहना भूल जाओ" | लता मंगेशकर | 4:01 |
4. | "मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया" | मोहम्मद रफी | 4:52 |
5. | "बहुत खूबसूरत जवाँ एक लड़की" | किशोर कुमार | 4:39 |
6. | "सलामत रहे दोस्ताना हमारा" (II) | मोहम्मद रफी, किशोर कुमार | 4:24 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1981 | अमिताभ बच्चन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
शत्रुघ्न सिन्हा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
आनंद बख्शी ("सलामत रहे दोस्ताना हमारा") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
मोहम्मद रफी ("मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Rohit K. Dasgupta; K. Moti Gokulsing (4 December 2013). Masculinity and Its Challenges in India: Essays on Changing Perceptions. McFarland. पपृ॰ 228–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7864-7224-6.