दुर्जन सिंह

भारतीय आदिवासी क्रांतिकारी


दुर्जन सिंह एक क्रांतिकारी और चुआड़ विद्रोह के महान नेता थे।[1] उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ मिदनापुर जिले में 1798-99 में चुआड़ विद्रोह का नेतृत्व किया था। दुर्जन सिंह बंगाल के मिदनापुर में रायपुर के आदिवासी भूमिज सरदार/जमींदार थे।[2][3][4]

दुर्जन सिंह
Durjan Singh
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जन्मस्थल : रायपुर, बंगाल (अब पश्चिम बंगाल)
मृत्युस्थल: बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब पश्चिम बंगाल)
आन्दोलन: चुआड़ विद्रोह
राष्ट्रीयता: भारतीय

बंगाल में, जंगल महल के भूमिज लोगों को चुआर (अर्थात् सुअर) कहा जाता था। उनमें से कुछ जमींदार बन गए , और खुद को राजा या सरदार कहने लगे। ब्रिटिश शासन के दौरान उनके विद्रोहों को चुआड़ विद्रोह या भूमिज विद्रोह कहा गया।[5]

दुर्जन सिंह बंगाल में रायपुर के जमींदार थे, उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों का सहयोग करने से इनकार कर दिया था। उन्हें अंग्रेजों ने बेदखल कर दिया था। अपनी रायपुर संपत्ति वापस पाने के लिए, दुर्जन सिंह दामपाड़ा, धलभूम के भूमिज जमींदार जगन्‍नाथ सिंह द्वारा शुरू किए गए चुआड़ विद्रोह में शामिल हो गए। जून 1798 में, दुर्जन सिंह के नेतृत्व में 1500 चुआड़ों की एक समूह ने रायपुर बाजार और कचहरी को आग लगाकर विद्रोह कर दिया। दुर्जन सिंह ने विद्रोहियों को अपने मिट्टी के किले में छिपने के लिए शरण दिया।[6] ब्रिटिश कंपनी द्वारा क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए भेजे गए अंग्रेजी सेना पर स्थानीय विद्रोहियों द्वारा हमला किया गया।[7][8] उन्हें रायपुर, मिदनापुर, श्यामसुंदरपुर, फुलकुष्मा और बांकुड़ा के भूमिजों का समर्थन था।[9][10] उन्होंने 30 गांवों को आग लगाकर अपना शासन स्थापित किया और ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतिष्ठानों पर हमला किया। चुआरों (भूमिजों) ने रायपुर, बांकुड़ा , फुलकुसमा, भलैडीहा, श्यामसुंदरपुर और सिमलापाल में विद्रोह को चारों ओर फैलाया।[11][12][13] दुर्जन सिंह के पुत्र फतेह सिंह ने भी विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके लिए उन्हें जेल भी भेजा गया था।

1798-99 में दुर्जन सिंह, लाल सिंह और मोहन सिंह के नेतृत्व में चुआड़ विद्रोह अपने चरम पर था, लेकिन कंपनी की सेना ने उसे बेरहमी से कुचल दिया।[14][15][16] इस विद्रोह को भूमिज विद्रोह या पाइक विद्रोह भी कहा जाता है।[17][18][19][20]

इन्हें भी देखें

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  1. Majumdar, Ramesh Chandra (1978). History of Modern Bengal: 1765 to 1905 (अंग्रेज़ी में). G. Bharadwaj.
  2. Chatterjee, Gouripada (1986). Midnapore, the Forerunner of India's Freedom Struggle (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications.
  3. Chaudhuri, Sashi Bhusan (1955). Civil Disturbances During the British Rule in India, 1765-1857 (अंग्रेज़ी में). World Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-598-57785-6.
  4. Bengal (India), West (1968). West Bengal District Gazetteers: Bānkurā (अंग्रेज़ी में). State editor, West Bengal District Gazetteers.
  5. Journal of the Asiatic Society (अंग्रेज़ी में). The Society. 1973.
  6. Mahotsav, Amrit. "Chuar Rebellion, 1798-99". Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India (English में). अभिगमन तिथि 2023-04-23.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)[मृत कड़ियाँ]
  7. Das, Binod Sankar (1984). Changing Profile of the Frontier Bengal, 1751-1833 (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications.
  8. Bengal (India), West (1968). West Bengal District Gazetteers: Bānkurā (अंग्रेज़ी में). State editor, West Bengal District Gazetteers.
  9. Saraf, R. P. (1974). The Indian Society: A Process of Peoples' Revolutionary Struggle Through the Ages (अंग्रेज़ी में). Progressive Studies, Kashmir.
  10. Rycroft, Daniel J.; Dasgupta, Sangeeta (2011-03-29). The Politics of Belonging in India: Becoming Adivasi (अंग्रेज़ी में). Taylor & Francis. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-136-79115-4.
  11. Hundred Years of Freedom Struggle, 1847-1947 (अंग्रेज़ी में). Biplabi Niketan. 1989.
  12. Saha, Sheela; Saha, D. N. (2004). The Company Rule in India: Some Regional Aspects (अंग्रेज़ी में). Kalpaz Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7835-251-0.
  13. The Quarterly Review of Historical Studies (अंग्रेज़ी में). Institute of Historical Studies. 2002.
  14. India's Struggle for Freedom: An Album (अंग्रेज़ी में). Department of Information & Cultural Affairs, Government of West Bengal. 1987.
  15. Lāhiṛī, Abanī (2001). The Peasant and India's Freedom Movement (अंग्रेज़ी में). Manak Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7827-009-8.
  16. Bengal (India), West (1968). West Bengal District Gazetteers: Bānkurā by Amiya Kumar Banerji (अंग्रेज़ी में). State editor, West Bengal District Gazetteers.
  17. Tiwari, Lalan (1995). Issues in Indian Politics (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-618-7.
  18. Srivastava, Vinay Kumar (2020-11-09). India′s Tribes: Unfolding Realities (अंग्रेज़ी में). SAGE Publishing India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5388-658-5.
  19. Yecurī, Sītārāma (2008). The Great Revolt, a Left Appraisal (अंग्रेज़ी में). People's Democracy. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-906218-0-9.
  20. Chatterjee, Gouripada (1986). Midnapore, the Forerunner of India's Freedom Struggle (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications.