दर्जिन चिड़िया

पंछीयो कि जाति

दर्जिन चिड़िया, ओर्थोटोमस वंश और सिल्वाइडी (Sylviidae) कुल से संबंधित छोटे आकार के पक्षी (फुदकी) हैं। इनकी कुल नौ प्रजातियां अस्तित्व में हैं। दर्जिन चिड़िया को उसका यह नाम उसकी घोंसला बुनने की खास कला के कारण मिला है। यह चिड़िया अपनी लंबी पतली चोंच से एक पत्ती या कई पत्तियों में छेदों की एक श्रृंखला बनाता है और फिर इन छेद के बीच से पौधों के रेशों, कीटों के रेशम और कभी कभी घरेलू इस्तेमाल के धागों को पिरो कर एक दर्जी की तरह पत्तियों की सिलाई कर इन्हें आपस में जोड़ देते हैं। इन सिली हुई पत्तियों के बीच बनी जगह में फिर घास-पात या रूई इत्यादि बिछाकर एक सुविधाजनक घोंसला तैयार किया जाता है।

दर्जिन चिड़िया
आम दर्जिन चिड़िया (ओर्थोटोमस सुटोरियस)
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जन्तु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: पक्षी
गण: Passeriformes
कुल: सिस्टीकोलाइडी
वंश: ओर्थोटोमस
हॉर्सफील्ड, 1821
प्रजातियां

O. metopias
O. moreaui
O. cuculatus
O. sutorius
O. heterolaemus
O. atrogularis
O. castaneiceps
O. frontalis
O. derbianus
O. sericeus
O. ruficeps
O. sepium
O. samarensis
O. nigriceps
O. cinereiceps

दर्जिन चिड़ियायें, पुराने विश्व (यूरोप, एशिया और अफ्रीका) और मुख्य रूप से एशिया के उष्णकटिबंधीय भागों में पाई जाती हैं। यह फुदकियां आमतौर पर गहरे रंगों में पाई जाती हैं जिनका ऊपरी हिस्सा हरा या धूसर और निचला हिस्सा पीला या सफेद रंग का होता है। अक्सर इनके सिर का रंग भूरा-लाल होता है।

दर्जिन चिड़िया के पंख छोटे और गोलाकार, पूंछ छोटी, पैर मजबूत और चोंच लंबी और घुमावदार होती है। यह फुदकियां अपनी पूंछ को आमतौर पर ऊपर की ओर सतर रखती हैं। यह आमतौर पर खुले जंगलों, मैदानों और उद्यानों में पाई जाती हैं।

इन्हें भी देखें

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