तैत्तिरीय संहिता
तैत्तिरीय संहिता में ७ काण्ड, ४४ प्रपाठक, तथा ६३१ अनुवाक हैं जिसका वर्ण्यविषय यज्ञीय कर्मकाण्ड (पौरोडास, याजमान, वाजपेय, राजसूय इत्यादि नाना यागानुष्ठान) का विशद वर्णन है। वेदों के एकमात्र सर्वातिशायी भाष्यकार सायण तैत्तिरीय शाखा के ही अनुयायी थे और उन्होने सर्वप्रथम तैत्तिरीय संहिता पर ही अपना वैदुष्यपूर्ण भाष्य लिखा।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- तैत्तिरीय संहिता(विस्वर)
- तैत्तिरीय संहिता(सस्वर)
- तैत्तिरीय संहिता (महर्षि प्रबन्धन विश्वविद्यालय)
- तैत्तिरीय संहिता का अंग्रेजी अनुवाद