जुदाई (1997 फ़िल्म)

1997 की राज कँवर की फ़िल्मर

जुदाई 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन राज कँवर द्वारा किया गया और मुख्य कलाकार अनिल कपूर, श्री देवी और उर्मिला मातोंडकर हैं।[1] कादर खान, फरीदा ज़लाल, जॉनी लीवर, परेश रावल, उपासना सिंह और सईद जाफ़री सहायक भूमिका में शामिल हैं; जबकि पूनम ढिल्लों ने एक विशेष उपस्थिति दर्ज की।

जुदाई

जुदाई का पोस्टर
निर्देशक राज कँवर
लेखक प्रकाश राज
एस.वी. कृष्णा रेड्डी
जैनेंद्र जैन (संवाद)
निर्माता सुरिन्द्र कपूर
बोनी कपूर
अभिनेता अनिल कपूर,
श्री देवी,
उर्मिला मातोंडकर
छायाकार हरमीत सिंह
संपादक वमन भोंसले
संगीतकार नदीम-श्रवण
वितरक एस.के. फिल्म एंटरप्राइजेज
एरोस इंटरनेशनल
प्रदर्शन तिथियाँ
28 फरवरी, 1997
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत 6 करोड़ (US$0.88 मिलियन)
कुल कारोबार 28 करोड़ (US$4.09 मिलियन)

यह फिल्म 1994 की तेलुगू फिल्म शुभलागमन की रीमेक थी। यह श्री देवी की अंतिम फ़िल्म थी जब तक कि उन्होंने 2012 में इंग़्लिश विंग्लिश से वापसी नहीं की। रिलीज होने पर, फिल्म 1997 की सातवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनने वाली एक प्रमुख व्यावसायिक सफलता थी।[2]

जब काजल (श्री देवी) पेशे से अभियंता राज (अनिल कपूर) से शादी करती है, तो वह और उसके पिता (कादर खान), स्वचालित रूप से मानते हैं कि वह अमीर है। यहाँ तक ​​कि दो बच्चों के जन्म (एक बेटा और छोटी बेटी) और विवाह के कई सालों में भी वह नहीं बदलती। इसका एक उदाहरण तब होता है जब काजल अपने पुरानी सहेली निशा (पूनम ढिल्लों) से मिलती है और कहती है उसका पति एक बड़ा बिजनेस मैन है, उसके परिवार के पास कई कार हैं और एक बड़े बंगले में रहते हैं, लेकिन निशा, जो वास्तव में है अमीर सच जान जाती है। जब जाह्न्वी (उर्मिला मातोंडकर), राज के मालिक साहनी (सईद जाफ़री) की भतीजी विदेश से आती हैं, वह हवाई अड्डे पर राज से मिलती है और मानती है कि वह कार चालक है। उसके बाद वह उसे उसके सामान के साथ सड़क पर फंसे हुए छोड़ देता है, ये परवाह किये बिना कि उसके मालिक क्या कहेंगे। जाह्नवी समय पर अच्छी तरह से कार्यालय पहुँची और राज के रवैये की प्रशंसा की। जब वह जानती है कि वह विवाहित व्यक्ति है, तो वह तब भी राज से शादी करने के लिए अटल है।

वह पहली बार एक दुकान पर काजल से मिलती है, जहां वे दोनों राज के लिए कैसेट प्लेयर खरीदने जाते हैं। परिवार जाह्नवी का दिया हुआ टेप सुनता है जिसमें वो अपना प्यार कबूल करती है। राज से शादी करने के प्रयास में, जाह्नवी शहर के गणेश मंदिर के अंदर लालची काजल से मिलती है। वह राज के विवाह के बदले में दो करोड़ रुपये की पेशकश करती है। तब काजल, इसे धन और आसान जीवन पाने का अवसर मानते हुए, अचानक उसके प्रस्ताव को स्वीकार करती है। काजल ने समझौते के लिये राज को मजबूर कर दिया और हिन्दू विवाह अधिनियम का अनुपालन करने के लिए राज और जाह्नवी को विवाहित कराकर खुद राज को तलाक दे दिया; यह सोचकर कि वह और जाह्नवी खुशी से साथ रहेंगे और राज को साझा करेंगे। उसके बाद वह सौदा में मिले धन का उपयोग एक विशाल हवेली और कई कार खरीदने के लिए करती है। वह जो बंगला खरीदती है वह निशा का निकलता है। तब काजल ने उसे ताना मार के कहा कि उसने अपने सपनों को पूरा कर लिया है, जबकि निशा के सपने अब सबकुछ खोने के बाद टूट गए हैं। निशा ने काजल को याद दिलाया कि उसने अपना घर और संपत्ति को अपने बीमार पति के इलाज के लिए बेच दिया, जबकि काजल ने अपने पति को धन के लिए बेच दिया है; और कुछ हद तक, काजल उससे से भी गरीब है। काजल ने खुद को प्रभावयुक्त व्यक्ति में ढाला और इससे अपने परिवार की उपेक्षा कर रही। राज शुरुआत में काजल द्वारा खारिज किया गया महसूस करता है और जाह्नवी के करीब नहीं गया। लेकिन बच्चों और राज को जाह्नवी के साथ साथी मिलता है, जो उन्हें प्यार और स्नेह के साथ देखती है। वह खुद को बदलती है और एक सामान्य भारतीय गृहिणी बन जाती है।

अब काजल को पता चलता है कि वह अपने परिवार से कितनी दूर चली गई है। वह अपनी शादी की सालगिरह भूल जाती है और अपनी बेटी के जन्मदिन के लिए जन्मदिन की पार्टी रखती है, यह महसूस किये बिना कि राज कभी भी भव्य जीवनशैली के लिए आकर्षित नहीं हुआ है और इस तरह उसे जाह्नवी की ओर धकेल रही है। काजल सुधरने की कोशिश करती है। जब कुछ भी काम नहीं करता, तब काजल जाह्नवी को थप्पड़ मारती है और उसे अपने पति को चुरा लेने का आरोप लगाती है। तब वह जाह्नवी को घर से बाहर फेंकने की कोशिश करती है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि राज ने जाह्नवी के साथ जाने का फैसला किया। बच्चे भी जाह्नवी और उनके पिता के साथ रहने का फैसला करते हैं। दूसरी ओर काजल, अपने परिवार को छोड़कर चले जाने से व्याकुल हो जाती है। अपना सभी धन वो दान करती है। जब वह जानती है कि राज और बच्चे अमेरिका जा रहे हैं, तो वह हवाई अड्डे पर जाती है। वह उन्हें जाने के लिए तैयार पाती है। लेकिन आखिरी मिनट में, जाह्नवी राज को बताया कि वह अकेले अमेरिका के लिए जा रही है, लेकिन वह सचमुच अकेली नहीं है। वह राज के बच्चे की उम्मीद कर रही है। जाह्नवी स्वीकार करती है कि यद्यपि काजल ने अपने पति को बेच दिया था, लेकिन वह ही थी जिसने उसे खरीदने की पेशकश की और इस तरह उसे भी अपनी देनदारियों का भुगतान करना चाहिए। तो, फिल्म काजल के साथ अपने परिवार को वापस आने और जाह्नवी के हमेशा के लिए न्यूयॉर्क जाने के साथ समाप्त होती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."मुझे प्यार हुआ अल्लाह मियाँ"अलका याज्ञनिक, अभिजीत4:54
2."उई बाबा परब्बा"अलका याज्ञनिक, सपना मुखर्जी, अभिजीत5:50
3."मैं तुझ से ऐसे मिलूँ"अलका याज्ञनिक, अभिजीत5:21
4."मुझे एक पल चैन ना आए"जसपिंदर नरुला, हरिहरन, अलका याज्ञनिक7:18
5."जुदाई जुदाई"हरिहरन, अलका याज्ञनिक2:45
6."मेरी जिंदगी एक प्यास"जसपिंदर नरुला, शंकर महादेवन5:11
7."रात को नींद आती नहीं"अमित कुमार, प्रिया6:10
8."शादी करके फँस गया"बाली ब्रह्मभट्ट, शंकर महादेवन, अलका याज्ञनिक5:54

नामांकन और पुरस्कार

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वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1998 श्री देवी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार नामित
उर्मिला मातोंडकर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार नामित
जॉनी लीवर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार नामित
  1. "तो इसलिए श्रीदेवी ने अपनी पहली बेटी का नाम रखा था जाह्नवी कपूर". जनसत्ता. 31 जुलाई 2018. मूल से 20 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अगस्त 2018.
  2. "अपनी अदाओं से चांदनी बिखेरने वाली श्रीदेवी". वेबदुनिया. 13 अगस्त 2018. मूल से 20 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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