जुगनू (1973 फ़िल्म)
जुगनू 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह प्रमोद चक्रवर्ती द्वारा निर्मित और निर्देशित है। फिल्म में धर्मेन्द्र, हेमामालिनी, ललिता पवार, महमूद, प्रेम चोपड़ा, नज़ीर हुसैन, अजीत और प्राण हैं। संगीत एस॰ डी॰ बर्मन का है और गीत आनंद बख्शी के हैं।[1] यह बॉक्स ऑफिस पर "सुपरहिट" बन गई और 1973 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म बनी।
जुगनू | |
---|---|
जुगनू का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रमोद चक्रवर्ती |
पटकथा | सचिन भौमिक |
कहानी | गुलशन नन्दा |
निर्माता | प्रमोद चक्रवर्ती |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, हेमामालिनी, प्राण, प्रेम चोपड़ा, महमूद, ललिता पवार |
संगीतकार | एस॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
30 अगस्त, 1973 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंजुगनू नाम का एक बदमाश है, जो प्रत्येक अपराध करने के बाद जुगनू की प्रतिकृति छोड़ देता है। वह कई डकैतियों को अंजाम दे चुका है, जिसमें से एक चलती ट्रेन से भी शामिल है। उसे महेश (महमूद) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
जुगनू का एक और अवतार है, अशोक (धर्मेन्द्र), जो समाज का एक सम्मानित आदमी है। वह दान-पुण्य भी करता है और अपनी माँ की याद में छोटे बच्चों के स्कूल को चलाता है। बचपन में अपनी माँ को एक जमींदार, घनश्याम दास (सुजीत कुमार) से बचाने के बालक अशोक ने उसकी हत्या कर दी थी। वह कानून से बचने के लिए गायब हो गया और फिर जुगनू / अशोक के रूप में लौट आया। अशोक को सीमा (हेमामालिनी) से प्यार हो जाता है। एक दिन जुगनू, बॉस (अजीत) के बारे में जान जाता है। वह देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है, जिसे वह नाकाम करने की कसम खाता है। बॉस ने रमेश (प्रेम चोपड़ा) को फंसा लिया है, जो श्याम और उसके पिता की संपत्ति का असली उत्तराधिकारी होने का बहाना करके सीमा को फुसला रहा है।
सीमा के साथ रहते हुए, अशोक को पता चलता है कि वह वास्तव में उस आदमी की बेटी के साथ प्यार करता है जिसे उसने एक बच्चे के रूप में मार दिया था। वह इस रिश्ते को त्याग कर दूसरे शहर जाने का फैसला करता है। लेकिन इसके लिए उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि उसका स्कूल भविष्य में भी चलता रहे। वह बड़ी डकैती की योजना बनाते है जो उसकी अंतिम रहेगी। लेकिन बॉस के एक आदमी के कारण पुलिस सतर्क हो जाती है। हालांकि, पुलिस द्वारा निर्धारित जाल से बचने के बाद, वह प्रोफेसर, श्याम (प्राण), जो उसके असली पिता हैं के घर में शरण लेता है। इसके बाद, सीमा की माँ (ललिता पवार) उसके कुख्यात पिता और अशोक की बेगुनाही के वास्तविक स्वरूप का खुलासा करती हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- धर्मेन्द्र ― अशोक रॉय 'जुगनू'
- हेमामालिनी ― सीमा
- प्राण ― श्याम
- प्रेम चोपड़ा ― रमेश
- महमूद ― महेश
- ललिता पवार ― श्रीमती घनश्याम दास
- जय श्री टी ― शीला
- मनमोहन ― माइक
- राज मेहरा ― इंस्पेक्टर
- नासिर हुसैन ― श्याम के पिता
- धुमाल ― शीला के पिता
- कमल कपूर - पुलिस इंस्पेक्टर
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायन | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "जाने क्या पिलाया तूने" | लता मंगेशकर | 4:23 |
2. | "गिर गया झुमका गिरने दो" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 4:20 |
3. | "मेरी पायलिया गीत तेरे गाये" | लता मंगेशकर | 5:26 |
4. | "तेरा पीछा ना छोडूँगा" | किशोर कुमार | 4:54 |
5. | "दीप दीवाली के झूठे" | किशोर कुमार, पूर्णिमा | 4:17 |
6. | "जब बागों में जुगनू" | लता मंगेशकर | 4:48 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Jugnu (1973)". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). 21 नवम्बर 2013. मूल से 2 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मई 2019.