जिग्मे दोरजी राष्ट्रीय उद्यान
भूटान के राष्ट्रीय उद्यान
जिग्मे दोरजी राष्ट्रीय उद्यान भूटान का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। उद्यान का नाम स्वर्गीय जिग्मे दोरजी वांगचुक के नाम पर रखा गया है।[1] यह लगभग पूरे गासा जिले, साथ ही थिम्फू जिला, पारो जिला, पुनाखा और वांगड्यू फोडरंग जिलों के उत्तरी क्षेत्रों में व्याप्त है। 4316 वर्ग किलोमीटर विस्त्रिथ् ये उद्यान 1974 में स्थापित किया गया था। 1,000 घरों में लगभग 6,500 लोग निर्वाह कृषि और पशुपालन से उद्यान के भीतर रहते हैं।
जिग्मे दोरजी राष्ट्रीय उद्यान | |
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अवस्थिति | गासा जिला, साथ ही थिम्फू जिला, पारो जिला, पुनाखा और वांगड्यू फोडरंग जिलों, भूटान |
क्षेत्रफल | 4,316 कि॰मी2 (1,666 वर्ग मील) |
नाम | जिग्मे दोरजी वांगचुक |
वेबसाइट | Bhutan Trust Fund for Environmental Conservation |
वनस्पति और जीव
संपादित करेंयह उद्यान स्तनधारियों की 37 ज्ञात प्रजातियों जैसे टैकिन, हिम तेन्दुआ, बंगाल बाघ, भड़ल, हिमालयन काले भालू, लाल पांडा, उससुरी ढोल आदि के लिए अभयारण्य प्रदान करता है। यह भारतीय तेंदुए, हिमालयन सीरो, साम्भर, काकड़, गोरल, फीया, पिका और 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों का भी घर है।