जयसुख लाल हाथी
जयसुखलाल हाथी (1909 - 82) वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित एक राजनीतिज्ञ थे, जो 1947 में भारतीय संविधान सभा के सदस्य नामित किए गए थे। स्वतंत्रता के बाद वह 1952 में राज्य सभा के लिए चुने गए और नेहरू मंत्रिमंडल में उपमंत्री के रूप में नेतृत्व किया।
परिचय एवं राजनैतिक सफर
संपादित करेंजयसुख लाल का जन्म 19 जनवरी 1909 को सौराष्ट्र तत्कालीन गुजरात राज्य में हुआ था। इनके पिता का नाम लालशंकर हाथी था। इनका विवाह सन 1927 मे श्रीमती पद्मा देवी के साथ हुआ । इनकी कुल 6 संतानें थी जिसमें चार पुत्र तथा दो पुत्री थी। इन्होंने बंबई हाईकोर्ट में वकालत भी की तथा बाद में राजकोट मे जिला और सेशन जज भी रहे।
कानूनी विद्वान एवं राजनीतिज्ञ विद्वान होने के कारण 1947 में उन्हें सौराष्ट्र, से संविधान सभा, और अंतरिम संसद का सदस्य नामित किया गया।
वे कुल तीन बार सौराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य रहे। पहली बार 03/04/1952 से 1957 तक, दूसरी बार 03/04/1962 से 02/04/1968 तथा तीसरी बार 03/04/1968 से 02/04/1974 तक। इस दौरान नवम्बर 1967 से नवम्बर 1969 तक वे राज्य सभा मे सदन के नेता भी रहे।
वे 1952 मे पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रीमंडल मे सिंचाई और बिजली विभाग के उपमंत्री भी रहे। बाद मे उन्हें गृह राज्य मंत्री बनाया गया उसके बाद वे केन्द्र सरकार मे श्रम मंत्री भी रहे।
सन् 1957 के संसदीय चुनावों में हलार सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनें गये।
वे 14 अगस्त 1976 से 23 सितम्बर 1977 तक हरियाणा के राज्यपाल तथा 24 सितम्बर 1977 से 26 अगस्त 1981 तक पंजाब के राज्यपाल के रूप में नेतृत्व किया।
वर्ष 1981 में राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वह साधारण जीवन व्यतीत करने लगे और 2 फरवरी 1982 को उनकी मृत्यु हो गई।