जयप्रकाश भारती
जयप्रकाश भारती (०२ जनवरी, १९३६ ई॰ - 5 फरवरी, 2005) हिन्दी के प्रख्यात लेखक और नन्दन के पूर्व सम्पादक थे। भारती जी ने हिन्दी बालसाहित्य पर महत्त्वपूर्ण कार्य किया। उन्हें हिन्दी बाल-साहित्य का युगनिर्माता कहा जाता है। 'नंदन' को उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बाल पत्रिका का दर्जा दिलाया।
जीवन परिचय
संपादित करेंभारती जी का जन्म मेरठ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था।एम॰ए॰, बी॰एस-सी॰, साहित्यरत्न की परीक्षाएँ उतीर्ण कर इन्होंने पत्रकारिता तथा अन्य विषयों में डिप्लोमा किया। इनकी एक हजार से अधिक कविताएँ, कहानियाँ तथा लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होने सौ से अधिक पुस्तकों का सम्पादन किया।
श्रेष्ट बाल साहित्य के लेखन के लिये इन्हें उपराष्ट्रपति द्वारा रजत पदक प्रदान करके अभिनन्दित किया गया। यह दस वर्ष तक 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' के सह-सम्पादक तथा विज्ञान सम्पादक रहे। बाद में नन्दन के सम्पादक बने।
रचनाएँ
संपादित करें- अनन्त आकाश,
- हिमालय की पुकार,
- अथाह सागर,
- विज्ञान की विभूतियाँ,
- देश हमारा,
- चलो चाँद पर चलें,
- सरदार भगतसिंह,
- हमारे गौरव के प्रतीक,
- ऐसे थे हमारे बापू,
- बर्फ की गुड़िया,
- दुनिया रंग बिरंगी
- भारत की प्रतिनिधि लोक-कथाएँ
- हिन्दी की सौ श्रेष्ठ पुस्तकें
- हिन्दी पत्रकारिता : दशा और दिशा
- बाल पत्रकारिता, स्वर्ण युग की ओर
- हिन्दी के श्रेष्ठ बालगीत
- एक थाल मोतियों भरा : जीवन निर्माण की प्रेरक कथाएँ
- भारतीय बाल साहित्य का इतिहास
भाषा- शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली, अंग्रेजी के पारिभाषिक शब्दों का प्रयोग।
शैली- भावात्मक, वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, शब्द चित्रात्मक।