डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल (जन्म : 3 मार्च 1956) हिन्दी के विद्वान लेखक हैं। नौटियाल जी हिन्दी साहित्य एवं भाषा और वित्त विज्ञान एवम भाषा प्रोद्योगिकी के विशेषज्ञ हैं। भारत सरकार के विभिन्न पदों पर नियुक्त रहे हैं। सम्प्रति कारपोरेशन बैंक मैंगलूर में सहायक महा प्रबंधक के पद पर नियुक्त हैं। आपकी तीस से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 25 किताबें सन्युक्त रूप से लिखी हैं ' इस प्रकार कुल 55 पुस्तकोँ का योग्दान दिया है। इन्होने 1200 से अधिक लेख लिखे जो प्रकाशित हैं। 74 कार्यक्रम आकाशवाणी से प्रसारित, 90 से अधिक शोध लेख सेमिनारों में प्रस्तुत। इनकी पुस्तकें विश्वविद्यलयों में पढाई जाती हैं। वे बैंकिंग शब्दावली के विषय-विशेषज्ञ हैं।

एम॰ए॰ हिंदी (स्वर्ण पदक प्राप्त), पीएच.डी. (तुलनात्मक भाषा विज्ञान), डी.लिट., एम॰ए॰ (अंग्रेज़ी), एलएल.बी., एम बी ए (बैंकिंग एवम वित्त) तथा कंप्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा सहित 55 डिग्री/ डिप्लोमा/अन्य प्रशिक्षण प्रमाण पत्र।

पत्रकारिता, संपादन, अध्यापन, चित्रकार, रीडर, जन संपर्क, शाखा परिचालन, एसोसियट फ़ैकल्टी के रूप में विभिन्न पदों पर भारत सरकार तथा अन्य कई विभागों में सेवाएँ दीं।

55 पुस्तकें प्रकाशित, 96 पुस्तकें संयुक्त रूप से अनूदित एवं प्रकाशित 1200 (एक हज़ार दो सौ) से अधिक लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित, 10 से अधिक पत्रिकाओं के अनेक अंकों का संपादन।

पुरस्कार

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साहित्य एवं समाज सेवा में योगदान के लिए अब तक 55 पुरस्कार-सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

बैंकिंग शब्दावली के विषय विशेषज्ञ

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भारतीय रिज़र्व बैंक की बैंकिंग शब्दावली पर स्थायी समिति के सदस्य, भारत सरकार तकनीकी शब्दावली आयोग में बैंकिंग शब्दावली समिति के सदस्य साहित्य में एकरूपता पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित कार्य दल के सदस्य, भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान की एसोसिएट परीक्षा के परीक्षक के रूप में तथा बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान मुंबई के परीक्षा के रूप में सेवाएँ दी।

समाज सेवा एवं साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान

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राष्ट्रीय सेवा योजना में सर्वोत्तम-सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षक होने का गौरव प्राप्त। भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय बैंक संघ, भारतीय बैंकिंग व वित्त संस्थान, राष्ट्रीय बैंक प्रबंध संस्थान जैसी शीर्ष संस्थाओं की विभिन्न हिंदी की समितियों में सदस्य तथा कई उच्च स्तरीय समितियों में सदस्य सचिव के रूप में कार्यरत। राजभाषा, साहित्य, प्रबंधन, मानव संसाधन एवं विविध विषयों पर अतिथि वक्ता के रूप में हज़ारों व्याख्यान दिए। मंगलूरु विश्वविद्यालय के मानव संसाधन में बी.एच.आर.डी. उपाधि हेतु पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के सदस्य तथा अनेक महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा सलाहकार। आकाशवाणी मंगलूर और गोवा से अनेक प्रसारण। अनेक शोध छात्रों को पीएच.डी. हेतु मार्गदर्शन दिया। सिविल डिफेंस में वार्डन के रूप में 11 वर्ष सेवा दी व अनुदेशक के रूप में प्रशिक्षण दिए।

बाहरी कड़ियाँ

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