जनसंपर्क (पब्लिक रिलेशन्स) का सीधा अर्थ है 'जनता से संपर्क रखना'। जनसम्पर्क एक प्रक्रिया है जो एक उद्देश्य से व्यक्ति या वस्तु की छवि, महत्व एवं विश्वास को समूह अथवा समाज में स्थापित करने में सहायक होती है। जनसंचार के विभिन्न उपकरणों के माध्यम से समाज या समूह से जीवन्त सम्बन्ध बनाने में यह सेतु का कार्य करती है।

जनसंपर्क, संचार और संप्रेषण का एक पहलू है, जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन तथा इस क्षेत्र से संबंधित लोगों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है। इस प्रकार यह सेवा लेने वालों तथा सेवा देने वालों के बीच एक सेतु का काम करता है। यह एक द्विपक्षीय कार्रवाई है, जिसमें सूचनाओं तथा विचारों का आदान-प्रदान होता है।[1]

आज किसी भी संस्था की साख बनाने के लिए जनसंपर्क एक आवश्यक अंग माना जाता है। सरकारों के अलावा निजी संस्थाएं भी जनसंपर्क के माध्यम से अपनी साख बनाने का कार्य करती है। जनसंपर्क को संक्षेप में ऐसा कार्य कहा जाता है, जिसे जनता द्वारा सराहा जाए, जनसंपर्क का पहला तत्व है अच्छा प्रदर्शन। किसी संगठन या किसी संस्था का जनता के साथ जो संबंध बनता है, उसे जनसंपर्क बढ़ता है, अच्छे जनसम्पर्क में सच्चाई और ईमानदारी होनी चाहिए।

जनसंपर्क की प्रक्रिया विज्ञापन या विक्रय प्रमोशन की प्रक्रिया से अलग होती है, क्योंकि इसमें वांछित जानकारी को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बल्कि उसके वास्तविक रूप में लेकिन प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। आज सभी छोटे-बड़े संस्थानों में जनसंपर्क क्रय तथा जनसंपर्क अधिकारी सूचना संप्रेषण तथा विचारों की अभिव्यक्ति का दायित्व निभा रहे हैं और कैरियर निर्माण की दृष्टि से यह एक सम्मानजनक क्षेत्र माना जाता है।

जनसंपर्क का स्वरूप केवल दफ्तर खोलकर बैठे रहना ही नहीं है, बल्कि कई तरह से इस काम को अंजाम देना पड़ता है। इसके अंतर्गत मीडिया रिलेशन, क्राइसिस मैनेजमेंट, मार्केटिंग कम्युनिकेशन, फाइनेंशियल, पब्लिक रिलेशंस, सरकारी संबंध, औद्योगिक संबंध शामिल हैं।

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