छोटी सी बात
छोटी सी बात 1975 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन बासु चटर्जी ने किया और इसमें अमोल पालेकर और विद्या सिन्हा प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म सफल रही थी। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी गीत "जानेमन जानेमन" में हैं, जबकि अमिताभ बच्चन एक अन्य दृश्य में हैं, जहां वह अशोक कुमार के चरित्र से सलाह लेते हैं।
छोटी सी बात | |
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छोटी सी बात का पोस्टर | |
निर्देशक | बासु चटर्जी |
लेखक |
शरद जोशी बासु चटर्जी (संवाद) |
पटकथा | बासु चटर्जी |
निर्माता | बलदेव राज चोपड़ा |
अभिनेता |
अशोक कुमार, विद्या सिन्हा, अमोल पालेकर, असरानी, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी |
छायाकार | के के महाजन |
संपादक | वी एन मयेकर |
संगीतकार |
सलिल चौधरी योगेश (गीतकार) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंये कहानी एक बहुत ही शरमीले लड़के, अरुण प्रदीप (अमोल पालेकर) की है, जिसमें आत्म-विश्वास की बहुत ज्यादा कमी होती है। वो अपने ऊपर लगे बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ भी कुछ बोल नहीं पाता था। अरुण एक लडकी प्रभा नारायण (विद्या सिन्हा) पर लट्टू था। वह जिस बस स्टैंड पर इंतजार करती है उसी बस स्टैंड पर अरुण भी बस का इंतजार करता था। वह प्रभा से बात करने को बहुत उत्सुक रहता।लेकिन उसके पास इतनी हिम्मत नहीं होती कि वो उससे कुछ भी बात कर सके फिर अपने दिल की बात कहना तो बहुत दूर की बात थी । वो अपने हिसाब से काफी दूरी पर रह कर उसका पीछा करते रहता है। प्रभा को काफी पहले से पता रहता है कि अरुण उस पर लट्टू हो चुका है, पर वो उसके कहने का इंतजार करते रहती है।
इसी बीच नागेश शास्त्री (असरानी) का आगमन होता है। वो प्रभा के साथ ही काम करते रहता है और इस कारण एक तरह से अरुण के लिए वो एक बहुत बड़े दुश्मन की तरह हो जाता है। नागेश हर मामले में अरुण से आगे रहता है। इसके अलावा उसके पास स्कूटर भी होता है, जिसमें वो प्रभा को साथ में बैठा कर ले भी जा सकता है, जबकि अरुण के पास देखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता है। वो अपने बाइक लेकर नागेश की बराबरी करने की नाकाम कोशिश करता है। बाद में प्रभा के सामने ही उसके इज्जत का फालूदा बन जाता है।
हताश हो कर वो कलॉनल जूलियस नागेन्द्रनाथ विलफ़्रेड सिंह (अशोक कुमार) से मिलता है। वो प्यार में लोगों की मदद करने को अपना लक्ष्य बना लिए रहता है और अरुण की मदद करने को भी तैयार हो जाता है। वो पहले अरुण को एक आत्मविश्वासी इंसान के रूप में ढालने की कोशिश करता है। इसके बाद वो उसे कई सारे पाठ पढ़ाता है। इन सब अभ्यास और सीख के बाद अरुण मुंबई में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आता है और प्रभा का दिल जीत लेता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- विद्या सिन्हा - प्रभा नारायण
- अमोल पालेकर - अरुण प्रदीप
- अशोक कुमार - कर्नल जूलियस नागेंद्रनाथ विल्फ़्रेड सिंह
- असरानी - नागेश शास्त्री
- नन्दिता ठाकुर - दीपा
- सी एस दुबे - गुर्नाम, गराज का मालिक
- राजेंद्रनाथ - मौनी बाबा
- कोमिला वर्क - कर्नल सिंह की सहायिका
- सुजीत कुमार - अतिथि पात्र
- अमिताभ बच्चन - अतिथि पात्र
- धर्मेंद्र - अतिथि पात्र
- हेमा मालिनी - अतिथि पात्र
- अमोल सेन
- राजन हक्सर
- आशिम कुमार
- नोनी गाँगुली
- देवेंद्र खंडेलवाल
दल
संपादित करें- निर्देशक: बासु चटर्जी
- निर्माता: बलदेव राज चोपड़ा, बासु चटर्जी
- पटकथा: बासु चटर्जी
- संवाद: शरद जोशी, बासु चटर्जी
- छायांकन: के के महाजन
- वस्त्र सज्जा: मरुति धवन
- संगीतकार: सलिल चौधरी
- गीतकार: योगेश
संगीत
संपादित करेंसभी गीत योगेश द्वारा लिखित; सारा संगीत सलिल चौधरी द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "जानेमन जानेमन तेरे दो नयन" | येशुदास, आशा भोंसले | 5:11 |
2. | "न जाने क्यों होता है ये जिंदगी के साथ" (एकल) | लता मंगेशकर | 3:12 |
3. | "ये दिन क्या आए" | मुकेश | 3:05 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | श्रेणी | कलाकार | स्थिति |
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1977 | सर्वश्रेष्ठ पटकथा | बासु चटर्जी | जीत |
सर्वश्रेष्ठ फिल्म | बलदेव राज चोपड़ा (बी आर फिलम्स) | नामित | |
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक | बासु चटर्जी | नामित | |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता | अमोल पालेकर | नामित | |
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता | अशोक कुमार | नामित | |
सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता | असरानी | नामित |