सनदी लेखाकार या (Chartered Accountants या सीए) किसी निश्चित (ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के राष्ट्रों एवं आयरलैंड गणराज्य की) व्यवसायिक लेखाशास्त्र संस्था या संघ के सदस्यों द्वारा प्रयोग की जाने वाली उपाधि है। इन्हें अँग्रेजी़ में चार्टर्ड अकाउंटैंट कहा जाता है। सनदी लेखाकार सभी व्यवसायों/व्यापारों या वित्तीय क्षेत्रों में कार्यरत है। कुछ लोक अभ्यास (public practice work) में कार्यरत होते हैं, अन्य निजि क्षेत्र में व कई सरकाई संस्थाओं में होते हैं।

सनदी लेखाकार

यहाँ पर किसी व्यक्ति हेतु कोई अनुज्ञप्ति या लाईसेंस आवश्यक नहीं होता, स्वयं को लेखाकार घोषित करने या लोकाभ्यास करने हेतु, परंतु सनदी लेखाकार को इनमें से किसी एक का सदस्य होना आवश्यक है :

  • इंगलैण्ड एवं वेल्स में सनदी लेखाकारों की संस्था (Institute of Chartered Accountants in England & Wales / ICAEW) (designatory letters ACA or FCA);
  • Institute of Chartered Accountants of Scotland (ICAS) (designatory letters CA);
  • आयरलैण्ड की सनदी लेखाकारों की संस्था (the Institute of Chartered Accountants in Ireland / ICAI) (which is a UK body as it operates in Northern Ireland, designatory letters ACA or FCA);


भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान

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भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान भारत का एक राष्ट्रीय पेशेवर लेखा निकाय है। यह 1 जुलाई 1949 को सनदी लेखाकार अधिनियम 1949 के अंतर्गतनिगमित निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। अपने अस्तित्व के लगभग छह दशकों के दौरान, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान न केवल देश में एक प्रमुख लेखा निकाय के रूप में मान्यता हासिल की है लेकिन यह विश्व स्तर पर भी शिक्षा, व्यावसायिक विकास, उच्च लेखांकन, लेखा परीक्षा और नैतिक मानकों के रखरखाव के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाना जाता है। ICAI सदस्यता के मामले में American Institute of Certified Public Accountants के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी पेशेवर लेखा संस्थान  है। ICAI कंपनियों पर लागू होने वाले लेखा मानको की सिफारिश लेखांकन मानकों की राष्ट्रीय सलाहकार समिति (NACAS) से करती है और अन्य संगठनों पर लागू होने वाले लेखा मानकों का निर्धारण करती है। कोई भी व्यक्ति निर्धारित परीक्षाओं में भाग ले कर और तीन साल के व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौर से गुजर कर ICAI का सदस्य बन सकता है। सदस्यता की परीक्षा अपने कठोर मानकों के लिए जानी जाती है।

जो सदस्य भारत में कम से कम 5 वर्षों से निरंतर अभ्यास में हैं या एक सदस्य जो कम से कम 5 वर्षों की निरंतर अवधि के लिए सहयोगी रहे हैं और जिनके पास चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में 5 वर्षों की अवधि के लिए निरंतर अभ्यास के परिणामस्वरूप सामान्य रूप से प्राप्त अनुभव के बराबर अनुभव है, वे फेलो चार्टर्ड अकाउंटेंट (एफसीए) का उपयोग कर सकते हैं।[1]

लगभग 9.85 लाख छात्रों और 4 लाख से अधिक सदस्यों के साथ, आज आईसीएआई दुनिया की सबसे बड़ी पेशेवर अकाउंटेंसी संस्था है।[2]

भूमिका

 
सीए। अमरजीत चोपड़ा , राष्ट्रपति आईसीएआई की भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान के 42 वें क्षेत्रीय सम्मेलन में

ICAI की स्थापना सनदी लेखाकार अधिनियम, १९४९ के तहत ‎ भारत में लेखांकन के पेशे के विनियमन के उद्देश्य से की गयी थी। यह एक चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने की योग्यता को निर्धारित करता है, परीक्षा लेता है तथा लेखांकन की प्रेक्टिस करने का लाइसेंस देता है। इसके अलाव यह सरकारी संस्थाओ जैसे की RBI, SEBI, MCA, CAG, IRDA आदि को नीति निर्माण में सहयोग करता है।

स्कूली शिक्षा (12वीं कक्षा) पूरी होने के बाद सीए फाउंडेशन कोर्स करके इस पेशे में प्रवेश किया जा सकता है।[3]

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) का गठन 01 अक्टूबर, 2018 को भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132 की उपधारा (1) के तहत किया गया है। इसका कार्य चार्टर्ड अकाउंटेंट की सेवा की गुणवत्ता की निगरानी करना है।[4]

  1. "ICAI - The Institute of Chartered Accountants of India". ICAI (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-02-12.
  2. "ICAI - The Institute of Chartered Accountants of India". ICAI (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-02-12.
  3. "How to become CA after 12th: इस आसान तरीके से 12वीं के बाद बन सकते हैं चार्टर्ड अकाउंटेंट". ndtv.in. अभिगमन तिथि 2025-02-12.
  4. "National Financial Reporting Authority | India" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-02-12.