क्षिप्रिका
क्षिप्रिका (Rapid) नदी के मार्ग का वह हिस्सा है जहाँ किसी अवरोध के कारण ढाल सामान्य की अपेक्षा अधिक तीव्र होता है और जल प्रवाह अत्यधिक तीव्र होता है।[1][2] यह जलप्रपात और सामान्य प्रवाह के बीच की स्थिति होती है और सामान्यतः यहाँ नदी की तली कठोर चट्टानों की होती है।[1] जलप्रपात और क्षिप्रिकाओं का पाया जाना नदी की युवावस्था का द्योतक है।
क्षिप्रिकाओं का महत्व राफ्टिंग और श्वेतजल अवलोकन जैसे जल के मनोरंजन उपयोगों के कारण है। क्षिप्रिकाओं का वर्गीकरण भी राफ्टिंग में आने वाले खतरे के अनुसार किया जाता है। जब कई जल प्रपात बन जाते हैं तो उसे कास्केट कहते हैं
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "क्षिप्रिका - इण्डिया वाटर पोर्टल". मूल से 10 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2014.
- ↑ माजिद हुसैन - संक्षिप्त भूगोल Archived 2014-12-14 at the वेबैक मशीन
बाहरी कड़ियाँ
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