क्राकाटोआ
भौगोलिक अवस्थिति
संपादित करेंयह ज्वालामुखी सुमात्रा व जावा द्वीप के मध्य सुंडा के पास स्थित हैं। यह हिन्द महासागर मे स्थित है यह पिलीयन तुलय जवालामुखी है सुंडा जल संधि के ठीक मध्य में विश्व का सबसे विस्फोटक एवं भयंकर ज्वालामुखी क्रोकोटोआ ज्वालामुखी स्थित है। यह संधि दक्षिण चीन सागर को हिंद महासागर से जोड़ती है। और प्रशांत महासागर को भी हिंद महासागर से जोड़ती है।
ऊंचाई
संपादित करेंविभिन्न उदगारों के फलस्वरूप इस वोल्केनो की ऊंचाई ८१३ मीटर तक बताई जाती है।
उदगार
संपादित करेंविश्व के सबसे भयंकर ज्वालामुखी विस्फोटों में से एक यह विस्फोट सन् १८८३ में इंडोनेशिया के जावा एवं सुमात्रा द्वीपों के मध्य स्थित सुंडा जलडमरूमध्य के क्राकाटोआ ज्वालामुखी में हुआ था। यह विस्फोट अत्यंत भयंकर था जिसके परिणामस्वरूप वहां के समुद्र में १२० फीट ऊंची लहरें उठीं।
विस्फोट के तात्कालिक प्रभाव
संपादित करेंइस विस्फोट से पूर्व कई दिनों तक छोटे व बड़े भूकंप आते रहे थे। तत्पश्चात २० मई १८८३ को विस्फोट हुआ तथा उद्गार २१ अक्टूबर १८८३ तक चला। ज्वालामुखी विस्फोट के परिणामस्वरूप क्राकाटोआ के द्वीप का ७० प्रतिशत क्षेत्र पूर्ण रूप से तबाह हो गया था तथा इससे ३६,००० लोगों की मृत्यु हो गई। कहीं-कहीं पर यह संख्या १,२०,००० तक भी बताई जाती है। इस विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके ४० किमी के क्षेत्र में रहने वाले लोग पूर्ण रूप से बहरे हो गए एवं बाहरी क्षेत्र के लोगों के सुनने की क्षमता प्रभावित हो गई। इसकी ध्वनि ४००० किमी सुदूर आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर तक भी सुनी गई थी। इसकी साउंड वेव ने चार बार ग्लोब की परिक्रमा की थी।
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