कैरोलिंगियाई साम्राज्य

कैरोलिंगियाई साम्राज्य (800-887) पर प्रारंभिक मध्य युग में पश्चिमी तथा मध्य यूरोप में फ्रैंकों का आधिपत्य था। इस पर कैरोलिंगियाई राजवंश का शासन था। इस राजवंश ने 751 ई. से फ्रैंक्स के राजाओं के रूप में तथा 774 ई. से इटली में लोम्बार्ड्स के राजाओं के रूप में राज किया था। 800 ई. में फ्रेंकी राजा शारलेमेन को पोप लियो तृतीय ने रोम में सम्राट का ताज पहनाया था ताकि रोमन साम्राज्य का दर्जा बीजान्टिन साम्राज्य से पश्चिमी यूरोप को दिया जा सके।[1] सम्राट लुईस द पियस की मृत्यु के बाद हुए गृहयुद्ध (840-843) के बाद साम्राज्य स्वायत्त राज्यों में विभाजित हो गया। साम्राज्य की एकता और कैरोलिंगियाओं के वंशानुगत अधिकार को स्वीकार किया जाता रहा। 884 ई. में चार्ल्स द फैट ने सभी कैरोलिंगियाई राज्यों को अंतिम बार पुनः एकीकृत किया। 887 ई. में फ्रैंकी कुलीन वर्ग ने उसे पदच्युत कर दिया। 888 में उसकी मृत्यु होते ही साम्राज्य पूरी तरह से बिखर गया।

कैरोलिंगियन साम्राज्य का मानचित्र लगभग 814 ई.

यद्यपि चार्ल्स मार्टेल पश्चिमी यूरोप का पूर्ण शासक था फिर भी उसने खुद को साम्राज्य का सम्राट घोषित नहीं किया। उनके पुत्र पेपिन तृतीय और पौत्र शारलेमेन ने ज़रूर स्वयं को साम्राज्य का सम्राट घोषित किया था।

इबेरियाई सारासेनस ने भारी अरब घुड़सवार सेना के साथ बर्बर हल्की घुड़सवार सेना को सम्मिलित करके एक दुर्जेय सेना बनाई। यह सेना कभी पराजित नहीं हुई थी। इनकी प्रतिपक्षी ईसाई यूरोपीय सेनाओं के पास रकाब के शक्तिशाली हथियार की कमी थी। ईसाई यूरोपीय सेनाओं पर जीत से चार्ल्स को मार्टेल ("हथौड़ा") का ख़िताब मिला।[2]

इन्हें भी देखें

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  1. "चार्लेमैग्ने : बायोग्राफ़ी, अकंपलिश्मेंट, चिल्ड्रन, & फैक्ट्स". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 9 दिसम्बर 2024. अभिगमन तिथि 21 जनवरी 2025.
  2. मैगिल्ल, फ़्रेैंक एन. (1998). द मिडल एजेस: डिक्शनरी ऑफ़ वर्ल्ड बायोग्राफ़ी, Volume 2. होबोकेन: टेलर एंड फ्रांसिस. पृ॰ 228. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-5795-8041-4.

बाहरी कड़ियाँ

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