के-४ एक परमाणु क्षमता सम्पन्न मध्यम दूरी का पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जाने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा बनाया जा रहा है। यह प्रक्षेपास्त्र मुख्यत: अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों का हथियार होगा।[5] इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता ३५०० किमी है।[3]

के-४
प्रकार मध्यम दूरी एसएलबीएम
उत्पत्ति का मूल स्थान भारत
सेवा इतिहास
सेवा में परीक्षण जारी[1]
द्वारा प्रयोग किया भारतीय नौसेना
उत्पादन इतिहास
डिज़ाइनर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
निर्माता भारत डाइनेमिक्स लिमिटेड
निर्दिष्टीकरण
वजन 17 द्रव्यमान (19 लघु टन)[2]
लंबाई 12 मी॰ (39 फीट)[2]
व्यास 1.3 मी॰ (4.3 फीट)[2]

वारहेड 2,500 कि॰ग्राम (5,500 पौंड)[4] परमाणु

इंजन ठोस ईधन
परिचालन सीमा 3,500 कि॰मी॰ (2,200 मील)[1][3]
मार्गदर्शन प्रणाली रिंग लेज़र गायरोस्कोप जड़त्वीय नौवहन प्रणाली[उद्धरण चाहिए]
सटीकता शून्य के पास CEP[1]
प्रक्षेपण मंच अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ

के-४ का विकास तब शुरु हुआ जब इसी तरह की क्षमताओं वाली अग्नि-३ मिसाइल को आई एन एस अरिहंत में लगाने में तकनीकी समस्याएँ उतपन्न हुईं। अरिहंत के हल का व्यास १७ मीटर है जिसमें अग्नि ३ फिट नहीं हो पाती, इसलिये के-४ का विकास शुरु किया गया जिसे अग्नि-३ जैसी क्षमताओं के साथ ही अरिहंत में फिट होने जैसा बनाया गया। इसकी लम्बाई मात्र १२ मीटर है। के-४ के गैस प्रक्षेपक का २०१० में एक पंटून (छोटी पनडुब्बी) से सफलता पूर्वक परीक्षन किया गया। [6]

यह प्रक्षेपास्त्र १२ मीटर लंबा व १.३ मीटर व्यास का है। इसका वजन लगभग १७ टन है। ठोस ईधन के रॉकेट से चलने वाला यह प्रक्षेपास्त्र लगभग २ टन भार का विस्फ़ोटक ले जा सकता है। डीआरडीओ के अनुसार इस मिसाइल का लक्ष्य अचूक मारक क्षमता हासिल करना है।[2]साँचा:Full citation needed

परक्षेपास्त्र का एक पंटून से परीक्षण पहले २०१३ में होना था लेकिन अनजान कारणों से इसे टाल दिया गया।[2][7] इसका पहला परीक्षण २४ मार्च २०१४ को ३० मीटर की गहराई से हुआ था। परीक्षण सफल रहा था और प्रक्षेपास्त्र हिंद महासागर में ३००० किमी की दूरी तक पहुँची थी। यह परीक्षण विशाखापत्त्नम के किनारे हुआ था। [8]

मई 2014 के अनुसार , नौसेना को सौंपने से पहले मिसाइल के और परीक्षणों की घोषणा की गई थी। [9][10][11][12][dated info]

खबरों के अनुसार ७ मार्च २०१६ को [13] के-४ का एक बार फिर एक पंटून से बंगाल की खाडी में परीक्षण किया गया जो कि डीआरडीओ के एक अधिकारी के मुताबिक बेहद सफल रहा जिसमें के-४ ने सभी मानकों को पूरा किया।[14] हालांकि डीआरडीओ और भारत सरकार ने इस प्रक्षेपास्त्र के इस परीक्षण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी।.[15]

अप्रैल 2016 में खबर आई कि प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण ३१ मार्च २०१६ को आईएनएस अरिहंत से विशाखापत्तनम के तट से ४५ नॉटिकल मील की दूरी पर किया गया। नकली भार के साथ मिसाइल को पूरे कार्यवाहक प्रणालियों के साथ प्रक्षेपित किया गया। यह प्रक्षेपण रणनीतिक बल कमान के अधिकारियों ने किया और डीआरडीओ ने इसका संचालन किया। मिसाइल इस परीक्षण में सभी मानकों पर खरी उतरी और शून्य त्रुटि के साथ लक्ष्य भेदने में सफल रही।[13][16][17][18][19]

बाहरी कड़ियाँ

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  1. परीक्षण का वीडियो

इन्हें भी देखें

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  1. "K-4 Missile Set for 'Secret' Test". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस. 4 March 2016. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 March 2016.
  2. Indian Express, Longest Range Ballistic Missile All Set for Undersea Launch Archived 2016-05-01 at the वेबैक मशीन, accessed 2015-01-04
  3. "India successfully test-fires underwater missile". द हिन्दू. 27 जनवरी 2013. मूल से 15 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जनवरी 2013. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "thin27j" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  4. "India to test a submarine-based ballistic missile". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016.
  5. डिप्लोमैट, अंकित पान्डा, द. "India Inches Closer to Credible Nuclear Triad With K-4 SLBM Test". द डिप्लोमेट. मूल से 8 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-03-26.
  6. "द हिन्दू, DRDO plans another K-15 missile launch". मूल से 14 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016.
  7. "India's K-4 SLBM awaits first launch". Jane's. 27 August 2013. मूल से 28 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ अप्रैल २०१६.
  8. पांडा, अंकित (मई 13, 2014). "India Inches Closer to Credible Nuclear Triad With K-4 SLBM Test". द डिप्लोमैट. मूल से 8 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016.
  9. "Success on debut for undersea launch of missile". द हिन्दू. 8 मई 2014. मूल से 29 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ अप्रैल २०१६.
  10. "India tests new underwater nuclear missile". द टाईम्स ऑफ़ इंडिया. 26 March 2014. मूल से 1 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 March 2014.
  11. "India tests 3,000 km range n-missile in secret". द संडे गार्ज़ियन. 10 May 2014. मूल से 20 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ मई २०१४.
  12. "India's Nuclear Triad Finally Coming of Age". मूल से 9 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016.
  13. "EXPRESS EXCLUSIVE: Maiden Test of Undersea K-4 Missile From Arihant Submarine". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस. मूल से 8 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-12.
  14. "K-4 Missile Test A Roaring Success". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस. मूल से 20 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-03-27.
  15. "India successfully tests new K-4 submarine-launched ballistic missile". नैवल टेक्नोलॉजी. मूल से 24 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-12.
  16. "India tests most ambitious nuclear missile". indiatoday.intoday.in. मूल से 21 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-13.
  17. "Nuclear-capable K-4 ballistic missile tested from INS Arihant - Firstpost". फर्स्टपोस्ट (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-13.
  18. पांडा, अंकित. "India Successfully Tests Intermediate-Range Nuclear-Capable Submarine-Launched Ballistic Missile". द डिप्लोमैट. मूल से 28 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-13.
  19. "DRDO's nuclear capable K-4 underwater missile test-fired again, this time from INS Arihant: Report". इंटरनैशनल बिज़नेस टाइम्स, भारतीय संस्करण (अंग्रेज़ी में). मूल से 22 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-13.