कार्स्ट स्थलाकृतियाँ (Karst topography) सामान्यतः घुलनशील चट्टानों वाले क्षेत्रों में जल की क्रिया द्वारा बनी स्थलाकृतियाँ हैं।[1] इनका नामकरण यूगोस्लाविया के कार्स्ट प्रदेश के आधार पर हुआ है जहाँ ये स्थलरूप बहुतायत से पाए जाते हैं। भारत में ऐसी स्थलाकृतियाँ रीवाँ के पठार, राँची पठार और चित्रकूट के पास पायी जाती हैं। गुप्तधाम कन्दरा एक ऐसी ही गुफा है जो कार्स्ट प्रक्रमों द्वारा निर्मित है।[2][3] भारत में कार्स्ट स्थलाकृति का प्रभाव बस्तियों के बनने और उनके प्रतिरूप पर भी पड़ा है[4]

कार्स्ट कलाकृति, गुलिन (चीन)

जैसे चूना पत्थर के क्षेत्रों में जल की क्रिया के कारण कार्स्ट स्थलाकृतियों का निर्माण होता है।

कार्स्ट स्थलरूपों में कुछ प्रमुख हैं:

  1. "कार्स्ट - इण्डिया वाटर पोर्टल". मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 जून 2014.
  2. ऑनलाइन.कॉम[मृत कड़ियाँ]
  3. सविन्द्र सिंह, भौतिक भूगोल, पृष्ठ १८०
  4. भारत का भूगोल, माजिद हुसैन, pp. १४३