कविता एक स्त्री नाम है। जिसका अर्थ है काव्य। सुप्रसिद्ध कोरोजयी कवि गोलेन्द्र पटेल ने कविता के संदर्भ में कहा है कि "कविता आत्मा की औषधि है।"[1]युवा कवि राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा रचित "जरूरी हर कोई लगा" कविता जो जीवन के अनुभव पर आधारित एक सुंदर कविता है।

ज़रूरी हर कोई लगा

मगर ज़रूरी कोई नहीं था

जीवन को जितना मूल्य दिया

शायद उतना मूल्य नहीं था।


आते जाते रहें जीवन में कई मोड़

मैं हर पड़ाव को अंतिम मुकाम समझता रहा

सच ये की मौत आखिरी मंज़िल थी

भर्म ये की ज़िन्दगी को हमसफ़र समझता रहा।


क्या मिला नहीं, उसका मलाल करता रहा

जो मिला उसको व्यर्थ समझता रहा

तजुर्बा यूं तो रोज सिखाती रही जिंदगी

मैं खुद को हर दौर में समझदार समझता रहा।

उल्लेखनीय लोग

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  1. कोरोजीवी कविता, अप्रैल 2020 (वर्ष-1, अंक-2), पृष्ठ-11.