कला एवं शिल्प आन्दोलन सजावटी और ललित कलाओं के क्षेत्र में चला एक वैश्विक आन्दोलन था। यह सबसे पहले और सबसे पूर्ण रूप से ब्रिटिश द्वीपों में विकसित हुआ और बाद में ब्रिटिश साम्राज्य तथा शेष यूरोप और अमेरिका में फैल गया।[1]

विलियम मोरिस द्वारा डिजाइन किया गया ट्रेलिस भित्तिपत्र, 1862

सजावटी कलाओं का जिन परिस्थितियों में निर्माण किया जाता था उनके विरुद्ध प्रतिक्रिया के रूप में यह आंदोलन यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लगभग 1880 और 1920 के बीच फला-फूला। कुछ लोग मानते हैं कि यह आधुनिक शैली की जड़ है तथा एक ब्रिटिश अभिव्यक्ति थी जिसे बाद में नोव्यू आर्ट्स आंदोलन कहा गया।।[2] अन्य लोग इसे इंग्लैंड के नोव्यू आर्ट का अवतार मानते हैं।[3] जबकि कुछ लोग कला और शिल्प को नोव्यू आर्ट के विपरीत मानते हैं।

उत्पत्ति

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कला और शिल्प आंदोलन 19वीं सदी के मध्य में ब्रिटेन में डिजाइन और सजावट में सुधार के प्रयास से उभरा। यह सुधारकों द्वारा मशीनरी और कारखाना उत्पादन से जुड़े मानकों में कथित गिरावट के विरुद्ध प्रतिक्रिया थी। 1851 की महान प्रदर्शनी में जो वस्तुएं देखीं गई उससे इनकी आलोचना और अधिक तीव्र हो गयी जिसे वे अत्यधिक अलंकृत, कृत्रिम और प्रयुक्त सामग्री के गुणों से अनभिज्ञ मानते थे। कला इतिहासकार निकोलस पेवस्नर लिखते हैं कि इन प्रदर्शनों में पैटर्न बनाने की बुनियादी ज़रूरत और सतह की अखंडता के प्रति अज्ञानता दिखाई गई है साथ ही विवरण में अश्लीलता भी प्रदर्शित की गई।

इन्हें भी देखें

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  1. Campbell, Gordon (2006). The Grove Encyclopedia of Decorative Arts, Volume 1. Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-518948-3.
  2. "Arts and Crafts movement | Definition, Characteristics, Examples, Artists, Furniture, & Facts | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 6 दिसम्बर 2024. अभिगमन तिथि 23 जनवरी 2025.
  3. Maingon, Claire (21 मई 2018). "L'Art nouveau en trois minutes". Beaux Arts (फ़्रेंच में). अभिगमन तिथि 23 जनवरी 2025.