अपने विस्तृत भूगोल एवं लम्बे इतिहास के कारण कर्नाटक में बड़ी संख्या में पर्यटन आकर्षण भरे हुए हैं। राज्य में जहां एक ओर प्राचीन शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर हैं तो वहीं आधुनिक नगर भी हैं, जहां एक ओर नैसर्गिक पर्वतमालाएं हैं तो वहीं अनान्वेषित वन संपदा भी है और जहां व्यस्त व्यावसायिक कार्यकलापों में उलझे शहरी मार्ग हैं, वहीम दूसरी ओर लम्बे सुनहरे रेतीले एवं शांत सागरतट भी हैं। कर्नाटक राज्य को भारत के राज्यों में सबसे प्रचलित पर्यटन गंतव्यों की सूची में चौथा स्थान मिला है।[1] राज्य में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक राष्ट्रीय संरक्षित उद्यान एवं वन हैं,[2] जिनके साथ ही यहां राज्य पुरातत्त्व एवं संग्रहालय निदेशलय द्वारा संरक्षित ७५२ स्मारक भी हैं। इनके अलावा अन्य २५,००० स्मारक भी संरक्षण प्राप्त करने की सूची में हैं।[3][4]

केशव मंदिर, सोमनाथपुर
बीजापुर का गोल गुम्बज, बाईज़ैन्टाइन साम्राज्य के हैगिया सिफिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुम्बद है।

[[कर्नाटक के पश्चिमी घाट में आने वाले तथा दक्षिणी जिलों में प्रसिद्ध पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल हैं जिनमें कुद्रेमुख, मडिकेरी तथा अगुम्बे]] आते हैं। राज्य में २५ वन्य जीवन अभयारण्य एवं ५ राष्ट्रीय उद्यान हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, बनेरघाटा राष्ट्रीय उद्यान एवं नागरहोल राष्ट्रीय उद्यानहम्पी में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष तथा पत्तदकल में प्राचीन पुरातात्त्विक अवशेष युनेस्को विश्व धरोहर चुने जा चुके हैं। इनके साथ ही बादामी के गुफा मंदिर तथा ऐहोल के पाषाण मंदिर बादामी चालुक्य स्थापात्य के अद्भुत नमूने हैं तथा प्रमुख पर्यटक आकर्षण बने हुए हैं। बेलूर तथा हैलेबिडु में होयसाल मंदिर क्लोरिटिक शीस्ट (एक प्रकार के सोपस्टोन) से बने हुए हैं एवं युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनने हेतु प्रस्तावित हैं।[5] यहाम बने गोल गुम्बज तथा इब्राहिम रौज़ा दक्खन सल्तनत स्थापत्य शैली के अद्भुत उदाहरण हैं। श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की १७ मीटर ऊंची मूर्ति जो विश्व की सर्वोच्च एकाश्म प्रतिमा है, वार्षिक महामस्तकाभिषेक उत्सव में सहस्रों श्रद्धालु तीर्थायात्रियों का आकर्षण केन्द्र बनती है।[6]

मैसूर पैलेस, मैसूर का रात्रि दृश्य

कर्नाटक के जल प्रपात एवं कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान "विश्व के १००१ प्राकृतिक आश्चर्य" में गिने गये हैं।[7] जोग प्रपात को भारत के सबसे ऊंचे एकधारीय जल प्रपात के रूप में गोकक प्रपात, उन्चल्ली प्रपात, मगोड प्रपात, एब्बे प्रपात एवं शिवसमुद्रम प्रपात सहित अन्य प्रसिद्ध जल प्रपातों की सूची में शम्मिलित किया गया है।

यहाम अनेक खूबसूरत सागरतट हैं, जिनमें मुरुदेश्वर, गोकर्ण एवं करवर सागरतट प्रमुख हैं। इनके साथ-साथ कर्नाटक धार्मिक महत्त्व के अनेक स्थलों का केन्द्र भी रहा है। यहां के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में उडुपी कृष्ण मंदिर, [[सिरसी का मरिकंबा मंदिर, धर्मस्थल का श्री मंजुनाथ मंदिर, कुक्के में श्री सुब्रह्मण्यम मंदिर तथा शृंगेरी स्थित शारदाम्बा मंदिर हैं जो देश भर से ढेरों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। लिंगायत मत के अधिकांश पवित्र स्थल जैसे कुदालसंगम एवं बसवन्ना बागेवाड़ी राज्य के उत्तरी भागों में स्थित हैं। श्रवणबेलगोला, मुदबिद्री एवं कर्कला जैन धर्म के ऐतिहासिक स्मारक हैं। इस धर्म की जड़े राज्य में आरंभिक मध्यकाल से ही मजबूत बनी हुई हैं और इनका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है श्रवणबेलगोला

मैसूर शैली का एक तैल चित्र

हाल के कुछ वर्षों में कर्नाटक स्वास्थ्य रक्षा पर्यटन हेतु एक सक्रिय केन्द्र के रूप में भी उभरा है। राज्य में देश के सर्वाधिक स्वीकृत स्वास्थ्य प्रणालिययाँ और वैकल्पिक चिकित्सा उपलब्ध हैं। राज्य में आईएसओ प्रमाणित सरकारी चिकित्सालयों सहित, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले निजी संस्थानों के मिले-जुले योगदान से वर्ष २००४-०५ में स्वास्थ्य-रक्षा उद्योग को ३०% की बढोत्तरी मिली है। राज्य के अस्पतालों में लगभग ८,००० स्वास्थ्य संबंधी सैलानी आते हैं।[8]

  1. "कर्नाटक टू टर्न ऑन टूरिज़्म चार्म्स". द हिन्दू बिज़्नेस लाइन का ऑनलाइन संस्करण, १५ फ़र.२००२. द हिन्दू बिज़्नेस लाइन. मूल से 29 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २९ जून २००७.
  2. "एल्फ़ाबैटिकल लिस्ट ऑफ मॉन्युमेण्ट्स". संरक्शःइत स्मारक. भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग. मूल से 8 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १३ जून २००७.
  3. "प्लान टू कंज़र्व हैरिटेज मॉन्युमेण्ट्स, म्यूज़ियम्स". द हिन्दू. चेन्नई: द हिन्दू का ऑनलाइन संस्करण, ६ जनवरी २००७. ६ जन. २००७. मूल से 24 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १३ जून २००७. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. आर कृष्ण कुमार (१७ अगस्त २००८). "मैसूर पैलेस बीट्स ताजमहल इन पॉपुलैरिटी". द हिन्दू का ऑनलाइन संस्करण, १७ अगस्त २००७. चेन्नई. मूल से 17 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३१ अक्तू,२००७. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. "Belur for World Heritage Status". द हिन्दू का ऑनलाइन संस्करण, दिनांक:२५ जुलाई २००४. चेन्नई: द हिन्दू. २५ जुल.२००४. मूल से 12 मार्च 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १७ नवम्बर २००६. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. कीएय (२०००), पृ. ३२४
  7. माइकल ब्राइट, 1001 Natural Wonders of the World द्वारा:बैरन्स एड्युकेश्नल सीरीज़ इंका., प्रकाशक: क्विण्टेड इंका., २००५.
  8. "कर्नाटक बेट्स बिग ऑन हैल्थकेयर टूअरिज़्म". हिन्दू बिज़्नेसलाइन का ऑनलाइन जालस्थल, दिनांक २३ नवं, २००४. द हिन्दू, २००४. मूल से 29 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २००७.

खुदाई : सन्नति•कनगनहल्ली
दुर्ग : गजेंद्रगढ़  • सौंदत्ती  • बेल्लारी  • पारसगढ़ दुर्ग  • कित्तूर  • चित्रदुर्ग  • बेलगाम  • बीदर  • गुलबर्ग  • बसवकल्याण  • कोप्पल

 
स्मारक: मैसूर  • लक्कुंडी  • सुदी  • बादामि  • ऐहोल  • पत्तदकल  • हंगल  • हलसी  • बनवासी  • हैलेबिड  • बेलूर  • सोमनाथपुरा  • महादेव मंदिर, इतगी  • हूली  • सन्नति  • हम्पी  • ऐनेगुंडी  • मस्की  • गलगनाथ  • चौदैयादानापुर  • बीदरगुलबर्गबीजापुररायचूर

प्राचीन : लक्कुंडी  • सुदी  • बादामी  • ऐहोल  • मैसूर  • पत्तदकल • हंगल  • हलसी  • बनवासी  • हैलेबिड  • बेलूर  • महादेव मंदिर, इतगी  • हूली  • सन्नति  • हम्पी  • ऐनेगुंडी  • मस्की  • कोप्पल