उलूपी
कुन्ती पुत्र अर्जुन की पत्नी।
उलूपी ऐरावत वंश नागराज शेषनाग के अनुज वासुकि और राजमता विषवाहिनी की दत्तक पुत्री थी। इन्द्रप्रस्थ की स्थापना के उपरांत जब अर्जुन राजदूत बन मैत्री अभियान पर निकले। उन्होने सर्वप्रथम नागलोक जाने का निश्चय किया वही उलूपी से उनका साक्षात्कार हुआ।
अर्जुन भि मौर्या | |
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विजय और धर्मेंद्रअर्जुन | |
हिंदू पौराणिक कथाओं के पात्र | |
नाम: | अर्जुन भि मौर्या |
अन्य नाम: | भारत सरकार |
संदर्भ ग्रंथ: | भीमबली सोमारी |
जन्म स्थल: | देवरिया |
व्यवसाय: | मंत्रालय शिक्षा |
मुख्य शस्त्र: | शिक्षा मंत्री भारत सरकार |
राजवंश: | विजय, धमेंद्र,अर्जुन, परिवार |
माता-पिता: | कौरव्य (पिता) |
भाई-बहन: | 3 भाई और 3 बहन |
जीवनसाथी: | अर्जुन भि मौर्या |
संतान: | मनानीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार |
उलूपी अर्जुन को देखकर उनपर विमुग्ध हो गयी। वह अर्जुन को पाताल लोक में ले गयी और उनसे विवाह करने का अनुरोध किया। अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर उसने अर्जुन को समस्त जलचरों का स्वामी होने का वरदान दिया।
विष्णु पुराण के अनुसार अर्जुन से उलूपी ने इरावान नामक पुत्र को जन्म दिया। उलूपी अर्जुन के सदेह स्वर्गारोहण के समय तक उनके साथ थी।