आइसलैण्ड

उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित एक देश
(आइस्लैंड से अनुप्रेषित)

आइसलैंड (आइस्लैंडिक : Ísland), आधिकारिक रूप से आइसलैंड गणराज्य (आइस्लैंडिक: Lýðveldið Ísland) Republic Of Iceland उत्तर पश्चिमी यूरोप में, उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फ़रो द्वीप समूह, और नार्वे के मध्य बसा एक नार्डिक द्विपीय देश है। आइसलैण्ड का क्षेत्रफल लगभग १,०३,००० किमी है और अनुमानित जनसंख्या ३,१३,००० (२००९) है। यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा, व विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है। आइसलैंड की राजधानी रेक्याविक है, और देश की आधी जनसंख्या राजधानी में ही निवास करती है।

आइसलैण्ड गणराज्य Republic Of Iceland
Lýðveldið Ísland
ध्वज
राष्ट्रवाक्य: कुछ नहीं
राष्ट्रगान: Lofsöngur
हिन्दी: असंबद्ध काव्य
अवस्थिति: आइसलैण्ड
राजधानीरेक्याविक
64°08′N 21°56′W / 64.133°N 21.933°W / 64.133; -21.933
सबसे बड़ा नगर रेक्जाविक
राजभाषा(एँ) आइसलैण्डिक
सरकार संवैधानिक गणतंत्र
 -  राष्ट्रपति ओलाफ़र रागनर ग्रिमसन
 -  प्रधानमंत्री जीर हिलमर हार्डे
स्वतंत्र डेनमार्क से
 -  संप्रभुता 1 दिसंबर 1918 
 -  गणतंत्र 17 जून 1944 
क्षेत्रफल
 -  कुल 1,03,000 km2 (107वां)
 -  जल (%) 2.7
जनसंख्या
 -  जुलाई 2006 जनगणना 2,97,139 (178वां)
 -  दिसंबर 1970 जनगणना 2,04,930
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) 2005 प्राक्कलन
 -  कुल 10.531 अरब डॉलर (135वां)
 -  प्रति व्यक्ति 35,586 डॉलर (2005) (5वां)
मानव विकास सूचकांक (2003)0.956
बहुत उच्च · 2रा
मुद्रा आइसलैण्डिक क्रोना (ISK)
समय मण्डल जीएमटी (यू॰टी॰सी॰+0)
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) कोई नहीं (यू॰टी॰सी॰)
दूरभाष कूट 354
इंटरनेट टीएलडी .is

अवस्थापन साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि आइसलैंड में अवस्थापन ८७४ ईस्वी में आरंभ हुआ था, जब इंगोल्फ़र आर्नार्सन लोग यहाँ पर पहुँचे, यद्यपि इससे पहले भी कई लोग इस देश में अस्थाई रूप से रुके थे। आने वाले कई दशकों और शताब्दियों में अवस्थापन काल के दौरान अन्य बहुत से लोग आइसलैण्ड, नार्वे के ओल्ड कोवेनेन्ट के अधीन आया और 1918 में संप्रभुता मिलने तक नार्वे और डेनमार्क द्वारा शासित रहा। डेनमार्क और आइसलैण्ड के बीच हुई एक संधि के अनुसार आइसलैण्ड की विदेश नीति का नियामन डेनमार्क के द्वारा किया जाना तय हुआ और दोनों देशों का राजा एक ही था जब तक की 1944 में आइसलैण्ड गणराज्य की स्थापना नहीं हो गई। इस देश को विभिन्न नामों से पुकारा गया, विशेषरूप से कवियों द्वारा।

बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में आइसलैण्डवासियों ने अपने देश के विकास पर पुरजोर ध्यान दिया और देश के आधारभूत ढाँचे को सुधारने और अन्य कई कल्याणकारी कामों पर ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप आइसलैण्ड, संयुक्त राष्ट्र के जीवन गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर विश्व का सर्वाधिक रहने योग्य देश है।

आइसलैण्ड, सयुंक्त राष्ट्र, नाटो, एफ़्टा, ईईए समेत विश्व की बहुत सी संस्थाओं का सदस्य है।

सर्वप्रथम लोग जो आइसलैण्ड में रहे थे आयरलैंड के भिक्षु थे। वे लोग लगभग 800 ईस्वी में यहाँ आए थे।

9वीं शताब्दी में, नॉर्स लोग यहाँ रहने के लिए आए। आइसलैण्ड में रहने वाला सर्वप्रथम नॉर्स था फ़्लोकी विल्जरार्सन (Flóki Vilgerðarson)। यह उन लोगों में से था जिन्होंने आइसलैण्ड को यह नाम दिया। नार्वे का एक सेनापति जो आइसलैण्ड के दक्षिण पश्चिम में रहता था ने रेक्जाविक की स्थापना की थी।

930 में आइसलैण्ड के शासकों ने वहाँ का संविधान लिखा था। उन्होंने अल्थिन्ग (Alþingi), एक प्रकार की संसद बनाई जो पिन्ग्वेलिर नामक स्थान पर थी। यह विश्व की सर्वप्रथम संसद थी जो आज भी संचालन में है।

985 ईस्वी में एरिक, द रेड नामक एक व्यक्ति को किसी की हत्या के आरोप में आइसलैण्ड से निकाल दिया गया। उसने पश्चिम की ओर यात्रा की और ग्रीनलैंड की खोज कर डाली। एरिक के पुत्र लीफ़ एरिक्सन ने 1000 ईस्वी में अमेरिकी महाद्वीप की खोज की थी। उसने इसे विन्लैंड कहा। एरिक, लीफ़ और अन्यों की यात्राओं का उल्लेख गाथाओं (sagas) में मिलता है।

1262 में, आइसलैण्ड, नार्वे का भाग बना और 1662 में डेनमार्क का। उन्नीसवीं सदी में बहुत से आइसलैण्डवासी डेनमार्क से स्वतंत्र होना चाहते थे। 1918 में आइसलैण्ड को बहुत सी शक्तियां दी गईं, लेकिन डेनमार्क का शासक अभी भी आइसलैण्ड का भी शासक था।

जब 9 अप्रैल, 1940 को जर्मनी ने डेनमार्क पर अधिकार कर लिया तो आइसलैण्ड की संसद अल्थिन्ग ने यह निर्णय लिया की आइसलैण्डवासियों को अपने देश का शासन स्वयं करना चाहिए, लेकिन उन्होंने अभी तक स्वतंत्रता की घोषणा नहीं की थी। पहले ब्रिटिश और बाद में अमेरिकी सैनिकों ने आइसलैण्ड का अधिकरण कर लिया ताकि जर्मन उसपर हमला ना कर सकें। अंततः 1944 में आइसलैण्ड एक पूर्ण स्वतंत्र राष्ट्र बना।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आइसलैण्ड उत्तरी अटलान्टिक सन्धि संगठन का सदस्य बना, लेकिन यूरोपीय संघ का नहीं। 1958 और 1976 के मध्य आइसलैण्ड और ब्रिटेन के बीच कौड मछलियों को पकड़ने को लेकर तीन बार वार्ता हुई। इसे कोड युद्द कहा गया।

1970 में विग्डिस फिन्बोगाडोटिर (Vigdís Finnbogadóttir) आइसलैण्ड की राष्ट्रप्ति चुनीं गई। वह किसी भी देश में निर्वाचित होने वाली सर्वप्रथम महिला राष्ट्रपति थीं।

आइसलैण्ड एक प्रतिनिधि लोकतंत्र और संसदीय गणतंत्र है। आधुनिक संसद, जिसे अल्पिंगी "Alþingi" कहा जाता है, 1845 में डेनमार्क के राजा के लिए एक सलाहकार निकाय के रूप में स्थापित की गई थी। इसे व्यापक रूप से 930 में स्थापित एक विधानसभा के रूप में देखा जाता है जिसकी स्थापना राष्ट्रमंडल काल में की गई थी और जिसे 1799 में निलंबित कर दिया। परिणामतः, "तर्क साध्य रूप से आइसलैण्ड दुनिया का सबसे पुराना संसदीय लोकतंत्र है" इसमें वर्तमान में 63 सदस्य होते हैं, जिन्हें चार वर्षीय कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

आइसलैण्ड का राष्ट्रपति मुख्यतः केवल एक औपचारिक राष्ट्राध्यक्ष है और एक राजनयिक के रूप में कार्य करता है, लेकिन वह संसद द्वारा पारित किसी भी कानून को रोक सकता है और राष्ट्रीय जनमत संग्रह के लिए रख सकता है। वर्तमान राष्ट्रप्ति ओलाफर रागनार ग्रिम्सन (Ólafur Ragnar Grímsson) हैं। सरकार का प्रमुख होता है प्रधानमंत्री, जो वर्तमान में जोहाना सिर्गुराडोटिर (Jóhanna Sigurðardóttir) हैं, जो अपनी मंत्रीपरिषद के साथ, कार्यकारी सरकार के प्रति उत्तरदाई है। मंत्रीपरिषद की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा आम चुनाव के बाद की जाती है, लेकिन, नियुक्ति पर आम तौर पर राजनीतिक दलों के नेताओं में विचार विमर्श होता है कि कौन से दल मंत्रीपरिषद में सम्मिलित हो सकते हैं और सीटों का बँटवारा कैसे होगा लेकिन इस शर्त पर की उस मंत्रीपरिषद को अल्थिन्ग में बहुमत प्राप्त होगा। जब दलों के नेता अपने आप एक निर्धारित अवधि में किसी निष्कर्ष तक पहुँचने में असमर्थ होते हैं तो राष्ट्रपति अपनी शक्ति का प्रयोग करके मंत्रीपरिषद की नियुक्ति स्वयं करता या करतीं हैं। यद्यपि 1944 में गणतंत्र बनने के बाद से अभी तक ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन 1942 में देश के रीजेंट स्वीन जोर्न्सन (Sveinn Björnsson, जो 1941 में अल्थिन्ग द्वारा इस स्थिति में स्थापित किए गए थे) ने एक असंसदीय सरकार को नियुक्त किया था। रीजेंट, सभी व्यावहारिक प्रयोजनों के लिए, एक राष्ट्रपति की स्थिति थी और स्वीन वास्तव में 1944 में देश के पहले राष्ट्रपति बने।

प्रशासनिक प्रभाग

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आइसलैण्ड क्षेत्रों, निर्वाचन-क्षेत्रों, काउंटियों और नगर पालिकाओं में विभाजित है। यहाँ आठ क्षेत्र हैं जो मुख्य रूप से सांख्यिकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, जिला न्यायालय भी इस विभाग के एक पुराने संस्करण का उपयोग कर रहे हैं। 2003 तक, संसदीय चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्र वही क्षेत्र थे, लेकिन संविधान संशोधन द्वारा, वे वर्तमान छह निर्वाचन क्षेत्रों में परिवर्तित किए गए:

  • रेक्जाविक उत्तर और रेक्जाविक दक्षिण (नगरीय क्षेत्र);
  • दक्षिण पश्चिम (चार भौगोलिक दृष्टि से अलग रेक्जाविक के चारों ओर के उपनगरीय क्षेत्र);
  • उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर (आइसलैण्ड का उत्तरी अर्धभाग, विभाजित) और,
  • दक्षिण (आइसलैण्ड का दक्षिणी अर्धभाग, रेक्जाविक और उपनगरों को छोड़कर)।
चित्र:आइसलैंडअंतरिक्षसे.jpeg
आइसलैण्ड का उपग्रह चित्र।

आइसलैण्ड भूवैज्ञानिक रूप से बहुत सक्रिय है और खाड़ी की गर्म धाराएँ जो इसकी ओर बहती हैं, के कारण यहाँ भारी वर्षा और हिमपात होता है और इन धाराओं के कारण कई दिलचस्प और असामान्य भौगोलिक विशेषताओं का विकास हुआ है जो आर्कटिक वृत के इतने निकट किसी भी अन्य द्वीप से बहुत अलग हैं।

इनमें से कुछ विशेषताएँ हैं, आइसलैण्ड के कई पहाड़, ज्वालामुखि, गरम चश्मे (हॉट स्प्रिंग्स), नदियां, छोटी झीलें, झरने, हिमनद और गीजर। बल्कि "गीजर" शब्द भी गीसिर नामक एक प्रसिद्ध गीजर से व्युत्पन्न हुआ है जो देश के दक्षिणी भाग में स्थित है। हिमनद इस द्विपीय देश के 11% भूभाग को अच्छादित किए हुए हैं और सबसे बड़ा, वात्नाजोकुल (Vatnajökull) लगभग 1 किमी मोटा है और यूरोप का सबसे बड़ा हिमनद है।

आइसलैण्ड, हालांकि एक यूरोपीय देश माना जाता, लेकिन आंशिक रूप से उत्तर अमेरिका में पड़ता है, क्योंकि यह मध्य अटलांटिक कटक (रिज), जो यूरेशियाई और उत्तरी अमेरिका के विवर्तनिक प्लेटों के बीच सीमा के बनाता है, पर स्थित है। यह कटक ऐतिहासिक रूप से जनसंख्या वाले रेक्जाविक और थिंग्वेलिर क्षेत्रों के मध्य से होकर गुजरता है और इन अलग विवर्तनिक प्लेटों की गतिविधि क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में भूताप ऊर्जा का स्रोत है।

अर्थव्यवस्था

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आर्थिक सूचको के आधार पर आइसलैण्ड विश्व के सर्वाधिक धनी देशों में है। वर्ष 2007 में प्रति व्यक्ति सकल आय 63,730 $ थी। (विश्व में चौथे स्थान पर, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार)

अर्थव्यस्था मुख्य रूप से मछली पकड़ने पर आधारित है, जिसकी देश के निर्यात आय में भागीदारी 60% है और यह उद्योग देश के 8% कार्यबल को रोजगार दिए हुए है। आइसलैण्ड के पास मछली और अपार जलविद्युत और भूतापीय ऊर्जा के अतिरिक्त अन्य कोई संसाधन नहीं है। इसलिए यहाँ की अर्थव्यस्था पर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मछली उत्पादो और उनके प्रक्रमण मूल्यों पर होने वाले बदलावों का प्रभाव पड़ता है। सीमंट ही एकमात्र ऐसा उत्पाद है जिसके प्रक्रमण का कच्चा माल यहाँ बनता है। यहाँ अधिकांश भवन इसी से बनाए जाते है और लकड़ी (महँगी होने के कारण) कम ही उपयोग में लाई जाती है। मछली उद्योग पर निर्भरता ही एक ऐसा कारण है जो आइसलैण्ड के यूरोपीय संघ में सम्मिलित होने से रोके हुए है। उन्हें यह चिंता है कि यूसं का सदस्य बनने से देश के ऊपर कई नियामक लागू होंगे जिसके कारण मछली के कच्चे माल के प्रबंधन पर से उनका नियंत्रण समाप्त हो जाएगा। यद्यपि अर्थव्यस्था मछली उद्योग पर आधारित है लेकिन यह उद्योग अब कम महत्वपूर्ण हो रहा है और पर्यटन उद्योग (मुख्यतः पारिस्थितिकी पर्यटन) और आधुनिक प्रौद्योगिकी उद्योग (मुख्यतः सॉफ़्टवेयर और जैव प्रौद्योगिकी) बढ़ रहे हैं। 2003 में देश की विकास दर 4.3% थी और 2004 में 5.2%। 2004 की चौथी तिमाही में बेरोज़गारी दर 2.5% थी जो लिक्टेनस्टाइन के बाद यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र में सबसे कम थी।

2007 का आर्थिक संकट

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हाल ही के वर्षों में आइसलैण्ड को घोर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है, जो 2007 के बैंकिंग संकट के बाद से और गहरा गया। बढ़ती मुद्रास्फ़ीति, अस्थिर बैंकिंग और मुद्रा के कारण आइसलैण्ड की ऋणपात्रता निर्धारणता (क्रेडिट रेटिंग) ढ़ह गई और बहुत से विशेषज्ञो का मानना हैं कि बैंकिंग प्रणाली का चरमराना तब तक जारी रहेगा जब तक की आर्थिक नीतियों में नाटकीय बदलाव नहीं किए जाते।

देश का लघु पर्यटन काल आधिकारिक रूप से 31 मई से आरंभ होकर 1 सितंबर को समाप्त होता है। जून के आरंभिक महीनों में भी कई क्षेत्र और मार्ग बर्फ़ से अच्छादित होते हैं। ग्रीष्मकालीन दिन लंबे होते हैं और अर्धरात्रि तक उजाला रहता है। जून की समाप्ति और जुलाई के महीनों में अधिकतर पर्यटक आते हैं। अगस्त के महीने में प्रवासी पक्षी भी आते हैं। पेपिन, जो राष्ट्रीय पक्षी अगस्त के अंत होने तक दिखने कम हो जाते हैं। 20 अगस्त पर्यटन के मौसम का आधिकारिक अंतिम दिन होता है। इसके बाद से दिन छोटे होने लगते हैं और बर्फ़बारी का मौसम आरंभ हो जाता है। पर्यटन के दो-तीन महीनों के दौरान ही आइसलैण्ड में लगभग 10 लाख पर्यटक आते हैं जो यहाँ की जंगली प्रकृति जैसे: हिमनद, झरने, ज्वालामुखी और जीजर देखने आते हैं। हाल ही के वर्षों में आइसलैण्ड में सर्दियों के दौरान भी पर्यटन में तेज़ी आई है।

संस्कृति

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आइसलैण्ड का अधिकांश साहित्य ईडा कविताएं हैं जो 900 से 1050 ईस्वी के बीच लिखीं गई थी और इनमें नायको और विभिन्न देवताओं का विवरण है, मुख्यतः गाथाओं के राजाओं का जो मध्यकाल में थे।

सोनोरा स्टॉर्लोसन सहित्य ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ईसाईयत के यहाँ आने के बाद से चर्च से संबंधित साहित्य भी यहाँ लिखे गए।

19वीं सदी के आरंभ में आइसलैण्डिक साहित्य-लेखन में बहुत तेज़ी आई। उस काल के कुछ अति महत्वपूर्ण लेखक हैं वाई गिम्सन, ग्रोन्डल एम आइकोम्सन इत्यादि। आइसलैण्ड के 20वीं सदी के कुछ महत्वपूर्ण लेखक हैं: इप्स्टीन, ई वेन्डिक्ट्सन, जॉन गोनार्सन हाल्डोर लैक्जि़स

जनसांख्यिकी

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नोटः यह आँकड़े वर्ष 2005 के लिए हैं।

आइसलैण्ड की कुल जनसंख्या 2,96,737 है और यहाँ की नस्लीय बनावट इस प्रकार है:

94% आइसलैण्डी और 6% डैनिश, स्वीडिश, नार्वेजियाई, अमेरिकी और अन्य।

आइसलैण्ड बहुत सीमा तक एक सजातीय देश है और यहाँ पूरे देश की जनसंख्या पर डीएनए शोध चल रहा है।

जीवन प्रत्याशा: पुरुष 78.23 वर्ष, महिला 82.48 वर्ष।

जनसंख्या वितरण: देश की 93% जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में निवास करती है जिसमें से लगभग आधे से भी अधिक केवल राजधअनी रेक्जाविक में रहते हैं।

जनसंख्या की वृद्धि दर है 0.9%।

आइसलैण्ड की बहुसंख्यक जनसंख्या ईसाई धर्म की है और अधिकांशतः लूथरन हैं।

धार्मिक बनावट: 96% इवैंग्लिकल लूथरन, 2% अन्य ईसाई और अन्य मतावलम्बी और 2% कोई धार्मिक संबद्धता नहीं।

यहाँ की आधिकारिक भाषा है आइसलैण्डी। यह भाषा पिछले 1,000 वर्षों में बहुत अधिक नहीं बदली है, इसलिए आइसलैण्डवासी अभी भी वाइकिंग की उन गाथाओं को पढ़ सकते हैं जो सदियों पहले लिखे गए थे।

शिक्षा और विज्ञान

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आइस्लैंड में आठ वर्ष की शिक्षा अनिवार्य है। यहाँ दो विश्वविद्यालय, शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय, महाविद्यालय और तकनीकी संस्थान हैं। आइस्लैंड की साक्षरता दर 100% है।

प्रौद्योगिकी के मामले में आइसलैण्ड एक अत्यंत उन्न्त देश है। 1999 तक, 82.3% आइसलैण्डवासियों के पास कम्प्यूटर था।[1] 2006 में आइसलैण्ड में प्रति 1,000 व्यक्तियों पर 1,007 मोबाइल फ़ोन थे, जो विश्व में 16वां सबसे अधिक उच्चतम आँकड़ा था।[2]

यूरोपीय मंगल एनालॉग शोध स्टेशन का मुख्यालय आइसलैण्ड में स्थित है।

आइसलैण्ड की सामाजिक संरचना निजी कारों पर बहुत निर्भर है। आइसलैण्ड में प्रति व्यक्ति कार स्वामित्व विश्व में उच्चतम में से एक है: 2007 में 656.7 प्रति एक हज़ार निवासी (www.statice.is) 17 वर्ष से ऊपर।[3] अधिकांश आइसलैण्डवासी यात्रा करने, काम पर जाने, विद्यालय या अन्य गतिविधियों के लिए कारों का ही उपयोग करते हैं।।

आइसलैण्ड में यातायात का मुख्य साधन सड़क है। आइसलैण्ड में 13,034 किमी लंबी प्रशासित सड़कें हैं, जिनमें से 4,617 किमी पक्की और 8,338 कच्ची सड़कें हैं। रिंग रोड 1974 में पूरी की गई थी और कुछ वर्ष पूर्व ही सभी समुदायों को सड़क से जोड़ा गया है और इससे पहले सड़कों के छोटे-छोटे भाग ही पक्के थे। आज, देशभर में सड़कों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है और राजधानी रेक्जाविक के आसपास महामार्गों का निर्माण किया जा रहा है। अभी भी बड़ी संख्या में सड़कें कच्ची हैं जिनमें अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में कम उपयोग में लाई जाने वाली सड़कें हैं। कस्बों में सड़कों पर गति सीमा 50 किमी/प्रति घंटा, पथरीली सड़कों पर 80 किमी/घंटा और पक्की सड़को़ पर 90 किमी/घंटा है। वर्तमान में आइसलैण्ड में कोई रेलमार्ग नहीं हैं।

  1. आइस्लैंड में कम्प्यूटर की पहुँच कितने लोगों तक है? Archived 2012-01-19 at the वेबैक मशीन (आइसलैण्डी)
  2. "सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक". मूल से 7 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2009.
  3. "यात्री कारें प्रति 1,000 व्यक्ति". मूल से 14 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 सितंबर 2009.

बाहरी कड़ियाँ

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