आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी २०१३ (अंग्रेज़ी: ICC Champions Trophy 2013), ६ से २३ जून २०१३ के मध्य इंगलैण्ड और वेल्स में प्रयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीयक्रिकेट-प्रतियोगिता थी।[1] सभी मैच तीन नगरों में आयोजित किये जायेंगे : लंदन (द ओवल में), बर्मिंघम (एजबेस्टन में) और कार्डिफ़ (कार्डिफ वेल्स स्टेडियम में)। आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी २०१३ विजेता को $२० लाख पुरस्कार राशि प्राप्त होगी, जो प्रतियोगिता की शुरुआत तक सबसे बड़ी राशि है। भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को 5 रन से हरा कर ये प्रतियोगिता जीत ली। यह सातवीं और अन्तिम आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी है जैसा कि यह २०१७ में आईसीसी विश्व टेस्ट से प्रतिस्थापित की जानी है।[2] तथापि जनवरी 2014 में, आईसीसी ने पुष्टि की अगली चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट 2017 में होगी और प्रस्तावित विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को रद्द कर दिया गया है।[3]
आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी २०१३[4] आठ टीमों के मध्य खेली जाने वाली प्रतियोगिता है जो दो समूहों में वरियता और विभक्त की गई है। प्रत्येक टीम अपने समूह में प्रत्येक टीम के साथ खेलेगी। अंकों के आधार पर प्रत्येक समूह से दो टीमें सेमी-फाइनल में पहुँचेंगी।
पाकिस्तान की पारी के दौरान बारिस के कारण मैच को घटाकर 40 ओवर का कर दिया गया।
पुनः बारिस के कारण भारत के लिए 22 ओवरो में 102 रन का लक्ष्य रखा गया।
एजबेस्टन, बमिंघन में खेले गए टूर्नामेंन्ट के 10वें मुकाबले में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ। यह भारत और पाकिस्तान की चैपियंस ट्राफी में तीसरी भिंडत थीं। वर्षा से प्रभावित इस मुकाबले में भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टाॅस जीता और पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पाकिस्तान की शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही और नासिर जमशेद भुवनेश्वर कुमार के हाथों आऊट होकर पेवेलियन की राह पकड़ ली। कमरान अकमल और मोहम्मद हफीज ने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन टीम का स्कोर ५॰ ही पहुंचा था कि हफीज आऊट हो गए और ६ रन के बाद अकमल भी पेवेलियन की राह पकड़ ली। यहां से असरद सफीक और मिसबाह उल हक ने पारी को संभालने की कोशिश की। लेकिन पारी के 27 ओवर में मिसबाह को रविंद्र जडेजा ने बोल्ड कर दिया। इसके विकेटों का सिलसिला शुरू हो गया। और पूरी टीम 39.5 ओवर में महज़ 165 पर आऊट हो गई। उमर अमीन 27 पर नाबाद रहे, वहीं असरद सफीक ने सर्वाधिक ४१ का योगदान दिया। 166 के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के दोनों ओपनर रोहित शर्मा और शिखर धवन ने अच्छी शुरुआत की। पारी के 8 ओवर में बरसात ने दखल दी। आधे घंटे की बरसात की वजह से पहले लक्ष्य को 36 ओवर में १५६ का कर दिया गया। लेकिन जल्द ही दुबारा से बरसात ने मैच में व्यधान डाला जिस की वजह से मैच को २२ ओवर का कर दिया गया। रोहित शर्मा के पेवेलियन लौट जाने के बाद शिखर धवन भी तेजी से रन बनाने के चक्कर में ४८ रन बनाकर पेवेलियन लौट गए। लेकिन चोैथे नंबर पर आए दिनेश कार्तिक ने विराट कोहली के साथ मिल भारत को कोई ओर नकुसान नहीं होने दिया और भारत ने मैच को ८ विकेट से जीत लिया। भुवनेश्वर कुमार को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए मैन आॅफ द मैच दिया गया।
↑"टाइमलेस टेस्ट से हो सकता है विश्व चैम्पियनशिप का फैसला" (अंग्रेज़ी में). लंदन: हिन्दुस्तान. 11 जुलाई 19 सायं 05:09 (भारतीय मानक समय). मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जून 2013. नामालूम प्राचल |source= की उपेक्षा की गयी (मदद); |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)