अन्नाराम सुदामा राजस्थानी भाषा के साहित्यकार थे। ये बीकानेर नगर के निवासी थे। इनकी सबसे प्रमुख रचना 'मेवै रा रूंख' है जिसके लिये इनको 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।[1][2] अन्नाराम सुदामा को अचूक इलाज (कहानी) के लिए सूर्यमल्ल मिश्रण शिखर पुरस्कार (1991-92) से सम्मानित किया गया था।[3] अन्नाराम सुदामा का निधन 2 जनवरी 2014 में हुआ था।[4]

  1. मैकती कायाः मळकती धरती,
  2. आंधी अर आस्था,
  3. डंकीजता मानवी,
  4. घर-संसार,
  5. अचूक इलाज,
  6. आंधे नै आंख्यां,
  7. गळल इलाज,
  8. गॉंव रो गौरव,
  9. बंधती अंवळाई,
  10. दूर-दिसावर,
  11. पिरोल में कुत्ती ब्याई,
  12. व्यथा-कथा
  1. "..:: SAHITYA : Akademi Awards ::." sahitya-akademi.gov.in. अभिगमन तिथि 2023-05-23.
  2. "नही रहे अन्नाराम सुदामा". KhabarExpress (अंग्रेज़ी में). मूल से 1 नवंबर 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-02-25.
  3. LegendNews (2021-05-23). "जयंती विशेष: साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त अन्नाराम सुदामा". Legend News (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 फ़रवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-02-25. सुदामा जी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था जिसमें- केन्द्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली में पुरस्कृत, मीरा पुरस्कार, सूर्यमल्ल मीसण, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार, टैसीटोरी गद्य पुरस्कार इत्यादि।
  4. LegendNews (2021-05-23). "जयंती विशेष: साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार प्राप्‍त अन्नाराम सुदामा". Legend News (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 फ़रवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-02-25. सुदामा जी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था जिसमें- केन्द्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली में पुरस्कृत, मीरा पुरस्कार, सूर्यमल्ल मीसण, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार, टैसीटोरी गद्य पुरस्कार इत्यादि।