अतीत के चलचित्र महादेवी वर्मा द्वारा रचित एक रेखाचित्र है। इसमें लेखिका हमारा परिचय रामा, भाभी, बिन्दा, सबिया, बिट्टो, बालिका माँ, घीसा, अभागी स्त्री, अलोपी, बबलू तथा अलोपा इन ग्यारह चरित्रों से करवाती हैं। सभी रेखा-चित्रों को उन्होंने अपने जीवन से ही लिया है, इसीलिए इनमें उनके अपने जीवन की विविध घटनाओं तथा चरित्र के विभिन्न पहलुओं का प्रत्यारोपण अनायास ही हुआ है। उन्होंने अनुभूत सत्यों को जस-का-तस अंकित किया है।

अतीत के चलचित्र  

मूल मुखपृष्ठ
लेखक महादेवी वर्मा
देश भारत
भाषा हिंदी
विषय रेखाचित्र (साहित्य)
प्रकाशक राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली
प्रकाशन तिथि 1941
पृष्ठ 147
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7119-099-5


महादेवी के रेखाचित्रों की यह विशेषता भी है कि उनमें चरित्र चित्रण का तत्त्व प्रमुख रहा है और कथ्य उसी का एक हिस्सा मात्र है। इनमें गंभीर लोक दर्शन का उद्घाटन होता चलता है, जो हमारे जीवन की सांस्कृतिक धारा की ओर इंगित करता है। 'अतीत के चल-चित्र' में सेवक 'रामा' की वात्सल्यपूर्ण सेवा, भंगिन 'सबिया' का पति-परायणता और सहनशीलता, 'घीसा' की निश्छल गुरुभक्ति, साग-भाजी बेचने वाले अंधे 'अलोपी' का सरल व्यक्तित्व, कुम्हार 'बदलू' व 'रधिया' का सरल दांपत्य प्रेम तथा पहाड़ की रमणी 'लछमा' का महादेवी के प्रति अनुपम प्रेम, यह सब प्रसंग महादेवी के चित्रण की अकूत क्षमता का परिचय देते हैं।[1]


टीका टिप्पणी

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  1. वर्मा, महादेवी (23 मई 1941). अतीत के चलचित्र (रामजी पांडेय का लेख-महादेवी:एक दृष्टि में). नई दिल्ली: राधाकृष्ण प्रकाशन,. पृ॰ 113. 81-7119-099-5.सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)