अंकीय क्रांति
डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए एनालाँग, मैकेनिकल और इलेक्ट्राँंनिक प्रौद्योगिकि से बदलना
यांत्रिक प्रौद्योगिकी और एनालॉग इलेक्ट्रॉनिकी से आगे जाकर प्रौद्योगिकी का अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी में प्रवेश करना अंकीय क्रांति (डिजिटल रिवोलूशन) कहलाता है। यह क्रान्ति १९५० के दशक और १९७० के दशक के बीच हुई मानी जाती है। अंकीय संगणक (डिजिटल कम्प्यूटर) का अधिकाधिक उपयोग और दस्तावेजों आदि का अंकीय रूप में रखना, इस क्रांति के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं।