किसी सड़क अथवा राजमार्ग के किनारे-किनारे स्थित स्कंध, एक आरक्षित क्षेत्र होता है। स्कंध का उपयोग आम तौर पर मोटर वाहन यातायात के लिए नहीं किया जाता है। स्कंध किसी पक्की सड़क का ही हिस्सा होता है और भारत में इसका निर्धारण एक सतत सफेद पट्टी (कई जगह पीली) के द्वारा किया जाता है। स्कंध को कई प्रकार से उपयोग किया जाता है, जिनमे से प्रमुख है:

  • आपातकाल या गाड़ी खराब होने की स्थिति में गाड़ी को मुख्य सड़क से खींच कर स्कंध पर लाया जाता है ताकि, मुख्य सड़क पर चलने वाला यातायात निर्बाध रूप से चल सके।
  • स्कंध किसी सड़क को अतिरिक्त चौड़ाई प्रदान करता है और किसी संभावित दुर्घटना जैसे कि आमने सामने की टक्कर होने से बचने के लिए, चालक गाड़ी को स्कंध पर चढ़ा सकता है।
  • स्कंध का उपयोग पुलिस और एम्बुलैन्स सेवा की गाड़ियों द्वारा मुख्य सड़क के यातायात से बचने के लिए किया जाता है।
  • मानव चालित वाहन जैसे कि साइकिल, रिक्शा आदि शहरों की भीड़ भरी सड़कों पर इसका उपयोग करते है।
  • पैदलपथ ना होने कि स्थिति में स्कंध पैदल यात्रियों द्वारा प्रयोग में लाया जाता है, भारत में तीर्थ यात्रा पर निकले पथिकों विशेषकर कांवड़ियों द्वारा यात्रा के दौरान इनका प्रयोग किया जाता है।
  • स्कंध सड़क को संरचनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं।
  • अपनी विशेष ढालू बनावट के कारण बरसात का पानी स्कंध से होकर बह जाता है और इस प्रकार यह सड़क की सुरक्षा कर उसे टूटने से बचाता है।
  • बड़े शहरों में यातायात की चरम स्थिति में इन्हें मुख्य सड़क की एक वीथि (लेन) के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
आयरलैंड में पीली पट्टी द्वारा हदबंद स्कंध।

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