रोमन पौराणिक कथायें (Roman mythology) प्राचीन रोम के मिथकों का संग्रह है। ये मिथक रोमन साहित्य, रोम की प्राचीन कलायें और रोमन लोककथाओं से मिलते हैं। रोमन पैराणिक कथाओं में इन मिथकों के आधुनिक अध्ययन भी शामिल हैं जो किसी अन्य किसी समय में और अन्य संस्कृतियों के साहित्य और कला में दर्शाये गये हैं। रोमन पौराणिक कथायें इटैलिक लोगों की कहानियों से प्रेरित हैं और प्रोटो-इंडो-यूरोपीय कहानियों और मिथकों को भी इनमें शामिल किया जाता है।

रोमुलस और रेमस, लूपरकल, फादर टाइबर और त्राजान के शासनकाल (98-117 ई.) की उद्भृति

रोमन आमतौर पर अपने पारम्परिक वाचकों को ऐतिहासिक मानते थे चाहे उनमें चमत्कारी या अलौकिक बाते हों। कहानियाँ अक्सर राजनीति और नैतिकता से सम्बंधित होती हैं। इन कहानियों में बतया जाता है कि किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत ईमानदारी समुदाय और रोमन राज्य के प्रति उसकी जिम्मेदारी को कैसे जोड़ती है। इनमें वीरता एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इन कहानियों में रोमन धार्मिक प्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है जिनमें वो धर्ममीमांसा अथवा ब्रह्माण्ड की उत्पति की तुलना में अनुष्ठान, शकुन और संस्थाओं से जोड़ा जाता है।[1]

रोमन पौराणिक कथायें यूनान की पौराणिक कथाओं से भी प्रेरित हैं। ये प्रभाव मुख्य रूप से हेलेनिस्टिक काल के दौरान यूनानी प्रभाव से आरम्भ होता है। यूनान की रोमन पर विजय के दौरान व रोमन लेखकों द्वारा प्राचीन यूनानी साहित्य की नकल के माध्यम यह प्रभाव आगे बढ़ा।[2] रोमन ने अपने देवताओं की पहचान प्राचीन यूनानी के देवताओं से की। उन्होंने यूनानी देवताओं के मिथकों को उनके समकक्ष रोमन नामों से जोड़ा। यूनानी कथाओं का प्रभाव सम्भवतः रोम के आद्य-इतिहास काल से ही शुरू हो गया।

  1. John North, Roman Religion (Cambridge University Press, 2000) pp. 4ff.
  2. Rengel, Marian; Daly, Kathleen N. (2009). Greek and Roman Mythology, A to Z. United States: Facts On File, Incorporated. p. 66.