ऍप्सिलन पॅगासाई, जिसका बायर नाम भी यही (ε Pegasi या ε Peg) है, पर्णिन अश्व तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ८२वाँ सब से रोशन तारा है। इसकी पृथ्वी से देखी गई चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.४ मैग्नीट्यूड है। ऍप्सिलन पॅगासाई हमसे लगभग ७०० प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।[1]

ऍप्सिलन पॅगासाई पर्णिन अश्व तारामंडल में 'ε' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

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ऍप्सिलन पॅगासाई तारे को अंग्रेज़ी में "एनफ़" (Enif) भी कहते हैं, जो अरबी के "अल-एनफ़" (الأنف‎) से लिया गया है, जिसका अर्थ "नाक" है।

ऍप्सिलन पॅगासाई K2 Ib श्रेणी का नारंगी महादानव तारा है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का १० से ११ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का १५० गुना है। इसकी तारे की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग ६,७०० गुना है। इसका सतही तापमान ४,४६० कैल्विन अनुमानित किया गया है। खगोलशास्त्रियों ने अंदाज़ा लगाया है कि यह अपने जीवन के अंत में आ पहुँचा है और कुछ ही दसियों लाखों सालों में या तो एक महानोवा (सुपरनोवा) धमाके में ध्वस्त हो जाएगा या फिर एक सफ़ेद बौना बनकर जीवनकाल अंत करेगा। यह एक परिवर्ती तारा भी है जिसकी चमक +०.७ से +३.५ मैग्नीट्यूड के बीच बदलती है। इसकी वजह इसकी सतह से उठती भीमकाय लपटों को माना जाता है हालाँकि इसका पक्का कारण ज्ञात नहीं है।

इन्हें भी देखें

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  1. Fred Schaaf. "The brightest stars: discovering the universe through the sky's most brilliant stars". John Wiley and Sons, 2008. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780471704102. मूल से 14 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अक्तूबर 2011.